आमतौर पर खरीफ सीज़न की शुरुआत होते ही सोयाबीन, मक्का, ज्वार जैसी फसलों की बुवाई होने लगती है. लेकिन इस सीजन में सब्जियों की खेती भी आपको बड़ा मुनाफा दिला सकती है. खासतौर पर बरसात के मौसम में निकलने वाला बैंगन सब्जी किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है. आज हम आपको बरसात के मौसम में बैंगन की खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
जून के पहले सप्ताह से ही वर्षाकालीन बैंगन की खेती की शुरुआत कर दी जाती है. बैंगन की खेती के लिए 1 मीटर X 3 मीटर की क्यांरियां तैयार करनी होगी. एक हेक्टेयर ज़मीन में करीब 25 से 30 क्यारियां तैयार हो जाएंगी. बैंगन के बीज लगाने से पहले और खेत तैयार करते समय प्रत्येक क्यारी में 300 ग्राम NPK और 15 से 20 किलोग्राम गोबर का खाद डालना चाहिए.
यह भी पढ़ें : लखनऊ : नाबालिग लड़कियों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश , 5 गिरफ्तार
मिट्टी के लिए किन बातों का रखें ध्यान ?
कार्बनिक पदार्थ से भरपूर मिट्टी में बैंगन की अच्छी पैदावार देखने को मिलती है. यही कारण है कि बैंगन की बुवाई बलुई दोमट मिट्टी से लेकर भारी मिट्टी तक में हो जाती है. हालांकि, इस बरसात के मौसम में खासतौर पर खेत से जल निकासी की बेहतर व्यवस्थ होनी चाहिए. खेती से पहले सॉइल टेस्ट भी करा सकते हैं. इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच 5.5 से 6 तक उत्तम माना जाता है
आमतौर पर खरीफ सीज़न की शुरुआत होते ही सोयाबीन, मक्का, ज्वार जैसी फसलों की बुवाई होने लगती है. लेकिन इस सीजन में सब्जियों की खेती भी आपको बड़ा मुनाफा दिला सकती है. खासतौर पर बरसात के मौसम में निकलने वाला बैंगन सब्जी किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
संभावित बाढ़ क्षेत्रों का निरीक्षण कर सभी तैयारियां पूरी करें: जिलाधिकारी
जून के पहले सप्ताह से ही वर्षाकालीन बैंगन की खेती की शुरुआत कर दी जाती है. बैंगन की खेती के लिए 1 मीटर X 3 मीटर की क्यांरियां तैयार करनी होगी. एक हेक्टेयर ज़मीन में करीब 25 से 30 क्यारियां तैयार हो जाएंगी. इसके के बीज लगाने से पहले और खेत तैयार करते समय प्रत्येक क्यारी में 300 ग्राम NPK और 15 से 20 किलोग्राम गोबर का खाद डालना चाहिए.
कब और कैसे करें रोपाई ?
बैंगन के बीज लगाने के 30 से 35 दिनों के अंदर पौधे तैयार हो जाते हैं. जब पौधों की ऊंचाई 12 से 15 सेंटीमीटर हो जाए और 3 से 4 पत्तियां आ जाए, तब पौधों की रोपाई करनी शुरू की जा सकती है. यह रोपाई जुलाई महीने के दूसरे सप्ताह में शुरू कर सकते हैं. रोपाई के दौरान यह ध्यान रखें कि दो पौधों के बीच की दूरी कम से कम एक मीटर की रखें.
हर एकड़ पर औसतन 7,000 पौधों की रोपाई कर सकते हैं. एक एकड़ में बैंगन की खेती से तकरीबन 120 क्विंटल बैंगन का उत्पादन कर सकते हैं. बैंगन की कई उन्नत किस्में हैं, जिसकी बुवाई की जा सकती है. इनमें से आप पूर्सा पर्लर, अनमोल, पूसा पर्पल, ग्रांउड पूसा और हाइब्रिड-6 प्राजातियों की बुवाई कर सकते हैं.
किस तरह के खाद और उर्वरक की होगी जरूरत ?
अगर बैंगन की अच्छी पैदावार चाहते हैं ताकि आपकी बढ़ियां कमाई हो तो पर्याप्त पोषक तत्वों की भी व्यवस्था होनी चाहिए. इसीलिए सलाह दी जाती है कि एक हेक्टेयर के खेत में 120-150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60-75 किलोग्राम फॉस्फोरस और 50-60 किलोग्राम पोटाश डालनी होगी. 200 से 250 क्विंटल गोबर की खाद भी डालनी चाहिए.
कब कर सकेंगे बैंगन की तुड़ाई?
फसल के अच्छे दाम के लिए पूरी तरह से पकने से पहले ही बैंगन की तुड़ाई कर लेनी चाहिए. ऐसे बैंगन की मांग बाजार में अच्छी रहती है. लेकिन तुड़ाई से पहले आपको उसके रंग और आकार का भी खास ध्यान देना चाहिए. यह ध्यान रखें कि जब वह चिकना और आकर्षक हो, तभी इसकी तुड़ाई कर लें.