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एक मछली की कीमत 1 लाख रुपये, तस्करों से बरामद ऐसी दुर्लभ प्रजाति

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अगर आपको पता चले कि एक मछली की कीमत एक लाख रुपया है तो शायद आपकी आंखें खुलीं रह जाएंगी। लेकिन यह हकीकत है। असम में तस्करी के लिए विदेश ले जाई जा रहीं दुर्लभ प्रजाति की मछलियों को दो तस्करों के पास से बरामद किया गया है।

पकड़ी गईं 500 मछलियों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 4.5 करोड़ बताई जा रही है। कहा जाता है कि इन मछलियों को आईयूसीएन ने 2014 में बांग्लादेश में गंभीर रूप से लुप्तप्राय रूप में वर्गीकृत किया था।

एयरपोर्ट से बरामद हुयी मछलियां

पुलिस सूत्रों के मुताबिक डिब्रूगढ़ में यह महंगी मछली एयरपोर्ट से बरामद की गई। इन मछलियों की तस्करी कर विदेश भेजा जा रहा था। इन मछलियों की तस्करी के लिए असम के तिनसुकिया जिले के श्रीधन सरकार व जितेन सरकार नाम के दो निवासियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इन दोनों को कोलकाता की फ्लाइट में चढ़ते समय गिरफ्तार किया।

अत्यंत दुर्लभ ‘चन्ना’ प्रजाति की है मछली

पुलिस का कहना है कि श्रीधन और जितेन के पास से बरामद मछलियां अत्यंत दुर्लभ ‘चन्ना’ प्रजाति की हैं। दूसरी भाषाओं में इसे टीला शोल या पिपला शोल भी कहा जाता है। यह मीठे पानी की मछली है, इस मछली के शरीर का अगला भाग चोंच के आकार का और पीठ सपाट होती है। मछली मूलतः इसी प्रकार की होती है और यह भारत व बांग्लादेश दोनों देशों में पाई हैं। असम में ब्रह्मपुत्र के दक्षिणी तट पर गोलपारा में इस मछली को आप देख सकते है।

भारतीय बाजार में एक चन्ना फिश की कीमत 75-80 हजार रुपये है, बताते हैं कि कई बार कीमतों के उतार चढ़ाव में इनकी कीमत 1 लाख तक पहुंच जाती है। पुलिस गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ कर रही है।

तिनसुकिया जिले के दूरदराज के गांवों के कई लोगों से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया यह मछली चार सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची थी। बताते हैं कि इन फिश को इंडोनेशिया, मलेशिया, चीन और जापान आदि देशों में तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था। असम की स्थानीय भाषा में इस मछली को ‘चेंग’ कहा जाता है।

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