भारत ने स्पेस की दुनिया में इतिहास रच दिया है. 23 अगस्त की शाम को इसरो के वैज्ञानिकों ने Chandrayaan-3 ने चांद की सतह पर सफल लैंडिंग करा ही ली. भारत का नाम अब विश्व के उन चार देशों में जुड़ गया है, जो चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं. इस सफलता को हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है.
वहीं Chandrayaan-3 का रोवर प्रज्ञान भी लैंडर से बाहर आ गया है। इसरो के अनुसार, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान में पांच वैज्ञानिक पेलोड लगे हैं। अब यहां से प्रज्ञान का काम शुरू होता है। उसने चांद की पहली तस्वीर ली और अपने मिशन में जुट गया है। अब प्रज्ञान में लगे पांचों पेलोड अगले 14 दिनों तक तक चंद्रमा की सतह का अध्ययन कर अंतरिक्ष एजेंसी को महत्वपूर्ण डाटा उपलब्ध कराएंगे।
- यह भी पढ़ें-
- ISRO ने कर वह कर दिखाया… जिसे अमेरिका, जापान और चीन भी न कर सका
- Gold Rate: सस्ता हुआ सोना, जानिए आपके शहर में आज क्या है सोने का भाव ?
- Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर में लगें हैं तीन पेलोड …
- रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर (रंभा)
- चंद्रा सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरीमेंट (चेस्ट)
- इंस्ट्रमेंट फॉर लूनर सेस्मिक एक्टिविटी (आईएलएसए) शामिल है।
- रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर (रंभा) – यह लैंगमुइर प्रोब पेलोड है, जो सतह पर मौजूद प्लाज्मा (आयन और इलेक्ट्रॉन) के घनेपन और उसमें बदलाव का पता लगाएगा। सूर्य की किरणों के कारण चांद की मिट्टी जल गई है, इसलिए प्लाज्मा का अध्ययन होगा
- चंद्रा सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरीमेंट (चेस्ट) – यह चांद की सतह पर तापमान को मापने का कार्य करेगा।
- इंस्ट्रमेंट फॉर लूनर सेस्मिक एक्टिविटी (आईएलएसए) – यह लैंडिंग साइट के आसपास भूंकप की गतिविधि को मापने और चांद की खनिज संरचना को समझने के लिए सतह का चित्रण करेगा।
- Chandrayaan-3 के रोवर में भी दो पेलोड लगे हैं।
- अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस)
- लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडुन स्पेक्टोस्कोप (एलआईबीएस) शामिल है।
- अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस)- यह चांद की सतह के पास मिट्टी और चट्टानों की संरचना (मैग्ननीशियम, एलिमुनियम, सिलिकॉन, पोटेशियम, आयरन) के बारे में जानकारी जुटाएगा।
- लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडुन स्पेक्टोस्कोप (एलआईबीएस)- यह चांद पर मौजूद तत्वों का विश्लेषण करेगा। साथ ही रासायनिक और खनिज संरचना को प्राप्त करने के अलावा उनकी पहचान करेगा।
Chandrayaan-3: रोवर प्रज्ञान 26 किलोग्राम का है
इसरो के अनुसार, Chandrayaan-3 के रोवर प्रज्ञान का वजन 26 किलोग्राम है। यह एक रोबोट वाहन है जो छह पहियों पर चंद्र सतह पर खोज करेगा। यह एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड यानि कि 2 फिट प्रति मिनट की गति से चंद्र सतह पर यात्रा करेगा। इसके पहियों में अशोक स्तंभ की छाप है। जैसे-जैसे रोवर चांद की सतह पर चलेगा, वैसे-वैसे अशोक स्तंभ की छाप छपती चली जाएगी।