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हरदोई: अखिल भारतीय साहित्य परिषद के त्रैवार्षिक 16वें राष्ट्रीय अधिवेशन में भारत के विभिन्न प्रदेशों से लगभग 1000 प्रतिनिधि सहभागिता करेंगे, जिसमें भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं तथा बोलियों के राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत रचनाओं का गद्य व पद्य में लेखन करने वाले मूर्धन्य विद्वानों का समागम अल्लीपुर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय के प्रांगण में दिनांक 25 व 26 दिसंबर 2021 को होने जा रहा है, जिसमेँ लेह लद्दाख से तमिलनाडु तट तथा गुजरात से आसाम तक लगभग सभी प्रदेशों के वरिष्ठ साहित्यकारों के लेखन व वाणी से यह धरा सिंचित होगी।
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इस बार राष्ट्रीय अधिवेशन का विषय “साहित्य का प्रदेय” है । अधिवेशन की तैयारी का जायजा अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. सुशील चन्द्र त्रिवेदी “मधुपेश” तथा विद्या भारती जन शिक्षा परिषद के सम्भाग निरीक्षक रणवीर सिंह व जिला प्रमुख देवेन्द्र पाल सिंह द्वारा लिया गया। तैयारियों को और सुदृढ़ बनाने हेतु सुझाव देते हुये मार्गदर्शन किया।
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अल्लीपुर महाविद्यालय में अधिवेशन की तैयारी हेतु विद्यालय परिवार के शिक्षकों तथा बच्चोँ द्वारा ग्रामीण वातावरण में ग्रामीण परिसर का निर्माण किया जा रहा है जिसमें झोपड़ीयों का निर्माण, भारतीय प्रमुख खानपान, वेशभूषा, आचार व्यवहार, लोक संस्कृति के लिए सुंदर मनोरम वातावरण में परिसर तैयार किया जा रहा है।
इस अवसर पर अधिवेशन के संयोजक डा. शीर्षेन्दु शील “विपिन” ने कहा कि यह हरदोई की धरती का सौभाग्य और गौरव है कि एक साथ इतनी अधिक संख्या मे मां शारदे के उपासक, साहित्य साधना के तपोधारी विद्वतजनों का भूमि पर पदार्पण हो रहा है। विरले ही ऐसे समय आते हैं कि जब एक साथ इतने मनीषियों का समागम किसी स्थान पर हो और एक ज्ञान की नई विचारधारा ज्ञान का प्रवाह हो।
समारोह मे सहभागिता करने वालो के आवास हेतु झोपड़ियों का निर्माण किया गया, जिसमें चारपाई पर विस्तर की व्यस्था हैं तो भोजन मे हरदोई के ग्रामीण परिवेश के ज्वार मक्का की रोटी सरसों के साग, मुरमुरियो, रसायोर आदि की व्यवस्था की गयी है।