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Hardoi News: फर्जीवाड़ा: 23 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज, फर्जी तरीके से आवास योजना का लिया था लाभ

हरदोई। फर्जी तरीके से इंदिरा आवास योजना का लाभ लेने के लिए 23 लाभार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। इससे क्षेत्र में फर्जीवाड़ा करने वालों में हड़कंप मच गया। पुलिस ने भी पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

ब्लॉक टड़ियावां की ग्राम पंचायत लिलवल में फर्जीवाड़ा करके इंदिरा आवास योजना के तहत 23 अपात्रों को लाभान्वित किया गया था। दोबारा जांच की गई तो उसमें 23 लोगों के अपात्र होने की पुष्टि हुई थी। इन लोगों ने आवास लेने के लिए फर्जीवाड़ा कर पहली किस्त ले ली थी। पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान ने इन लोगों को पहली किस्त के तौर पर 40-40 हजार रुपये जारी भी करा दिए थे।



जाँच में अपात्र की पुष्टि होने पर दूसरी और तीसरी किस्त पर रोक लगा दी गई थी। इसके साथ ही जारी धनराशि की वसूली करने की जिम्मेदारी टड़ियावां बीडीओ को सौंपी गई लेकिन वसूली नहीं हो सकी।

इस मामले में ब्लॉक टड़ियावां बीडीओ उषा देवी ने फर्जीवाड़ा करने वाले 23 लोगों के खिलाफ थाने में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। थानाध्यक्ष कौशल किशोर ने बताया कि है कि बीडीओ की तहरीर पर 23 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के साथ अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। पूरे मामले की जांच कर आरोपियों को जेल भेजा जाएगा।

इन पर दर्ज हुई रिपोर्ट

  1. अनीता पत्नी अवधेश
  2. मजीदन पत्नी उस्मान
  3. सालिया पत्नी सफीक
  4. रेशमा पत्नी भूरे
  5. रसीदा पत्नी अमरूद्दीन
  6. सीमा पत्नी उस्मान
  7. मीना पत्नी कमलेश
  8. चमेली पत्नी जगदीश
  9. बिट्टू पत्नी सियाराम
  10. सरला पत्नी भगवानदीन
  11. सरवन पुत्र रामप्रसाद
  12. बिटोली पत्नी बालकराम
  13. सुमन पत्नी संजय
  14. सुनीता पत्नी सुरेश
  15. शशी पत्नी इंद्रपाल
  16. राम देवी पत्नी छोटू
  17. राजेश्वरी पत्नी राकेश
  18. जगदेश्वरी पत्नी तौले
  19. छोटी पत्नी छोटे
  20. आरती पत्नी संतू
  21. माधुरी पत्नी मधुर पाल
  22. आशा पत्नी अशोक
  23. और शशिबाला पत्नी इंद्रपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

फर्जीवाड़ा मामले 2017 में भी मुकदमे हुए थे दर्ज

फर्जीवाड़ा मामले पंचायत सचिव जितेंद्र वर्मा, पटल सहायक रामशंकर मिश्रा और कंप्यूटर ऑपरेटर शिवाकांत पांडेय पर तत्कालीन बीडीओ ने 2017 में ही मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस जांच में लिलवल के प्रधान रहे शिवसागर की भी इस फर्जीवाड़ा संलिप्तता पाई गई थी। पुलिस ने उन्हें भी आरोपितों की श्रेणी में शामिल कर लिया था। पुलिस के मुताबिक अब यह सभी हाईकोर्ट स्टे लेने के बाद रिलीफ पर चल रहे हैं।

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