Hardoi News: उत्तर प्रदेश में पीडब्ल्यूडी विभाग में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री के आदेश पर 16 अभियंताओं को निलंबित किए जाने के बावजूद विभाग में रिश्वतखोरी का सिलसिला जारी है। ताजा मामला हरदोई से सामने आया है, जहां एक जूनियर इंजीनियर (जेई) को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
10 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप
लखनऊ विजिलेंस टीम ने हरदोई के सीडी-2 पीएमजीएसवाई योजना में तैनात जेई सत्येंद्र यादव को गिरफ्तार किया है। जेई पर आरोप है कि वह ठेकेदार महेंद्र कुमार त्रिपाठी से बिल पास करने के बदले 10 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था। ठेकेदार ने पीएमजीएसवाई योजना के तहत एक सड़क निर्माण किया था, जिसके बदले 40 लाख रुपये का भुगतान होना था।
बिल बढ़ाने के नाम पर रिश्वत
ठेकेदार की शिकायत के अनुसार, जेई सत्येंद्र यादव ने दावा किया कि बिल को बढ़ाकर तैयार किया गया है। इस बढ़े हुए भुगतान के हिस्से के रूप में उसने 10 लाख रुपये की मांग की। रिश्वत की इस रकम में सहायक अभियंता (एआई) का हिस्सा भी शामिल बताया गया।
एसएसपी विजिलेंस डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि जांच में ठेकेदार द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए। इसके बाद जेई को सोमवार को पहली किश्त के रूप में रिश्वत लेने के बहाने लखनऊ बुलाया गया। विजिलेंस की टीम ने उसे लखनऊ के दुबग्गा क्षेत्र से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के बाद सत्येंद्र यादव के खिलाफ लखनऊ सेक्टर में मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विजिलेंस टीम ने जेई के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
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