हरदोई। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर प्रथम के जज सत्यदेव गुप्ता ने आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दोषी पति को सात साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
थाना कछौना के रहने वाले नरेंद्र ने कोर्ट में वाद दायर कर बताया था कि उसकी बेटी छोटक्की की शादी कछौना के रहने वाले विमलेश के साथ 2015 में हुई थी। नरेंद्र ने बताया कि 8 नवंबर 2015 को सूचना मिली कि उसकी बेटी को दहेज कारण इन लोगों ने मार डाला है।
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अपनी बेटी की हत्या की रिपोर्ट लिखाने थाने में गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने पति विमलेश और ससुर श्रीकांत के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।
विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। इसकी सुनवाई यहां न्यायालय में चल रही थी। अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे राकेश कुमार बाजपेई ने कहा कि दोषियों को अधिक से अधिक सजा दी जाए।
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जज ने विमलेश को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी माना। आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए पति विमलेश को सात वर्ष की सजा सुनाई है। श्रीकांत को साक्ष्य के अभाव में बरी किया है। दोषी को पुलिस अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया है।
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