हरदोई: बावन स्केप में शारदा नहर की सिल्ट उठाने की आड़ में हुए अवैध खनन का मामले ने तूल पकड़ लिया है। अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों के आवागमन के चलते मार्गों के साथ ही कई पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है।
लोक निर्माण विभाग के खंड-1 के मेट की तहरीर पर लोनार कोतवाली में सिल्ट उठाने का ठेका लेने वाली फर्म के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। उधर सिंचाई विभाग ने भी संबंधित फर्म के खिलाफ 36 लाख 74 हजार 98 रुपए का जुर्माना लगाया है।
लोनार कोतवाली क्षेत्र में बावन स्केप के किलोमीटर शून्य से 6 किलोमीटर के बीच सफाई के दौरान 62 हजार 645 घन मीटर सिल्ट निकली थी। इसको उठाने का ठेका मेसर्स अंश कंस्ट्रक्शन फर्म को दिया गया था। बताया गया यह ठेका 9 लाख 39 हजार 675 रुपए में दिया गया था।
अवैध खनन में लगे वाहन को किया गया था सीज
फर्म के कर्मचारियों ने सिल्ट उठाने की आड़ में मौके पर अवैध खनन किया गया। बीती 21 अक्टूबर की रात लोनार के थानाध्यक्ष धर्मेंद्र गुप्ता ने खनन करने में लगे वाहन को सीज कर दिया था। इसके बाद राजस्व विभाग और सिंचाई विभाग भी सक्रिय हुआ। खनन निरीक्षक अजीत सिंह की तहरीर पर अंश कंस्ट्रक्शन फर्म के प्रोपराइटर अजीत सिंह के खिलाफ लोनार कोतवाली में 22 अक्टूबर को रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
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इसके बाद अवैध खनन की जानकारी जुटाने के लिए जांच के बाद अब सिंचाई विभाग ने अजीत कुमार सिंह को 37 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही सिल्ट उठाने की अनुमति भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई है।
दूसरी तरफ पीडब्ल्यूडी खंड के बिंदेश्वर प्रसाद की तहरीर पर लोनार कोतवाली में अजीत कुमार सिंह और उनके अज्ञात साथियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। रिपोर्ट में बताया गया की सिल्ट के उठाने के दौरान ठेकेदार के वाहनों ने क्षेत्रीय मार्ग और पुलों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुँचाया है।
सिल्ट उठाने का हुआ था ठेका, मिटटी का कर लिया अवैध खनन
आपको बता दें फर्म को 62 हजार 645 घन मीटर सिल्ट उठाने का ठेका दिया गया था। 62 हजार 645 घन मीटर सिल्ट में से सिर्फ 39 हजार 44 घन मीटर सिल्ट का ही उठान किया। लेकिन नहर की पटरी को काटकर किए गए अवैध खनन से 32 हजार 202 घन मीटर मिट्टी को बेच दिया गया।
नाहर विभाग ने 101 रुपए 87 पैसे प्रति घन मीटर की दर से 32 लाख 80 हजार 444 रुपए और इस पर 12% जीएसटी जोड़ते हुए 36 लाख 74 हजार 98 रुपए का जुर्माना किया गया है। खास बात यह है कि जिस सिल्ट को उठाने का फर्म को ठेका दिया गया था। उसमें से अभी भी लगभग 32 हजार घन मीटर सिल्ट उठ नहीं पाई है।