हरदोई: फसल अवशेष/पराली जलाने की घटनाओं को रोकने तथा कृषकों को पर्यावरण व गो सेवा के प्रति जागरूक करने के क्रम में आज बावन की गोशाला में पराली दो खाद लो कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
पराली दो, खाद लो कार्यक्रम के अन्तर्गत किसान भाई अपने खेत के फसल अवशेष/पराली को गौशालाओं में ले जाये तथा वहाँ से उपयोगी गोबर की खाद प्राप्त कर सकते है। किसान भाईयों को फसल अवशेष में आग न लगाने का सकल्प भी दिलाया।
दो ट्राली पराली के बदले एक ट्राली गोबर की खाद मिलेगी
इस अवसर पर उपनिदेशक कृषि डॉ नंदकिशोर ने बताया कि किसान भाई फसल अवशेष को खेत मे न जलाएं। वे पराली निकटवर्ती गोशाला में देकर एक ओर जहां गोमाता की सेवा कर सकते हैं वहीं दूसरी ओर दो ट्राली पराली के बदले एक ट्राली गोबर की खाद लेकर अपने खेतों की सेहत सुधार सकते हैं।
किसान फसल अवशेष सड़ा कर कम्पोस्ट खाद बना सकते हैं। इसके लिए गोशाला में आये किसानों को डिकम्पोजर मुफ्त दिया गया। उपनिदेशक ने कृषकों को इसके उपयोग की विधि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया गया कि मा० राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा फसल अवशेष/पराली में आग लगाना दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है। उसके तहत 02 एकड़ तक रू0 2500.00, 05 एकड़ तक रू0-5000.00 एवं 05 एकड़ से अधिक होने पर रू-15000.00 अर्थदण्ड का प्राविधान है। किसान भाईयों को अर्थदण्ड/कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
उन्होंने भूमि की उर्वरा शाक्ति बढ़ाने के लिए फसल अवशेष प्रबन्धन के तरीके बताये और कहा कि किसान भाई दो किलो यूरिया प्रति बीघा एवं वेस्ट डिकम्पोजर खेत में फैलाकर फसल अवशेष को सड़ाकर किसान भाई खेत लिए खाद बना सकते हैं, जिससे उनके खेतो की उत्पादन क्षमता भी बढेगी।
कार्यक्रम के दौरान उपनिदेशक कृषि डॉ नंदकिशोर व जिला सूचना अधिकारी संतोष कुमार ने राई की मिनी बीज किट वितरित की। इस अवसर पर पशु चिकित्सा अधिकारी बावन, ग्राम प्रधान बावन व शिवहेड़ी प्रधान सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
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