रायबरेली: नकल करना एक गलती है। मगर क्या यह इतनी बड़ी गलती है कि इसके लिए उसे प्रताड़ित किया जाए, अपमानित किया जाये ? इतना ही नही पिटाई और उसे सबके सामने बेइज्जत किया जाए? अगर गलती हो गई है तो क्या उसे दूसरा मौका नहीं दिया जाना चाहिए? ऐसे कई सवालों को समझाने और सबको सबक देने के लिए सातवीं कक्षा के एक छात्र को अपनी जान देनी पड़ी। बच्चे के सुसाइड नोट में यही सारे सवाल उठाए गए हैं।
मिल एरिया थाना क्षेत्र के सेंट पीटर्स स्कूल के 12 वर्षीय छात्र यश सिंह मौर्या ने शिक्षिका व प्रधानाचार्य की व्यबहार और प्रताड़ना से आहत होकर गुरुवार को पंखे के हुक से लटककर जान दे दी।
बताया जा रहा है गुरुवार को बायोलॉजी की परीक्षा में शिक्षिका ने उसे नकल करते पकड़ा था। शिक्षिका न सिर्फ पिटाई की बल्कि सबके सामने बेइज्जत भी किया इतना सब करने के बाद भी उसका मन नही भरा तो शिक्षिका बच्चे को लेकर प्रधानाचार्य के पास गई।
प्रधानाचार्य ने भी उसी तरह उस मासूम को पीटा और अपमानित किया। इससे क्षुब्ध मासूम यश घर पहुंचा और बिना कुछ कहे ऊपर वाले कमरे में चला गया और एक सुसाइड नोट लिखकर खुदकुशी कर ली।
सातवीं कक्षा के छात्र का सुसाइड नोट में क्या लिखा
‘मैंने पेपर में चीटिंग की। बायोलॉजी के पेपर में। मैं मरने जा रहा हूं। इसके लिए अंकल-आंटी, मम्मी-पापा को दोष मत देना। गलती करने के बाद किसी को एक मौका जरूर देना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मैं अपनी गलती पर खूब रोया। मैं शर्मिंदा था। मेरे साथियों ने भी शेम-शेम बोला। अब मेरा दिमाग मेरे वश में नहीं है। मुझे बुरे ख्याल आ रहे हैं। मैं माता-पिता, साथियों व टीचर्स से सॉरी बोलता हूं’।
पिता राजीव मौर्या ने आरोप लगाया कि यश अपनी बेज्जती बर्दाश्त नहीं कर सका और इसी वजह से उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया। सीओ सदर वंदना सिंह ने बताया कि राजीव की शिकायत पर प्रधानाचार्य रजनाई डिसूजा और शिक्षिका मोनिका मागो पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार,सेहगों गांव निवासी यश सिंह मौर्य जवाहर विहार कॉलोनी में अपने चाचा के घर रहकर पढ़ाई कर रहा था। यश कॉलोनी में ही स्थित सेंट पीटर्स स्कूल में कक्षा सात की पढाई कर था। इस समय स्कूल में परीक्षाएं चल रही थी। गुरुवार को बायोलॉजी का पेपर था। परीक्षा देते समय यश को नकल करते विद्यालय की अध्यापिका ने पकड़ा था।
आरोप है कि शिक्षिका ने यश को पूरी क्लास के सामने मारा पीटा और उसकी बेज्जती की। इसके बाद यश को विद्यालय के प्रधानाचार्य के पास ले गई। वहां पर भी प्रधानाध्यापक एवं अध्यापिका ने यश के साथ मारपीट करते हुए उसे बेइज्जत किया। इस बात से क्षुब्ध होकर यश ने आत्महत्या कर ली।
कुछ देर बाद घटना की जानकारी हुई तो घरवालों में कोहराम मच गया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई और शव को कब्जे में लिया। घटना पर पिता राजीव मौर्या समेत अन्य घरवालों ने गहरी नाराजगी जताई और प्रधानाचार्य, शिक्षिका के खिलाफ तहरीर दी।
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