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2 दोस्तों की मौत के बाद भीड़ ने किया सड़क जाम, पुलिस पर किया पथराव, 15 पुलिसकर्मी लहूलुहान

उन्नाव: जिले के अकरमपुर में मंगलवार दोपहर कार की टक्कर से बाइक सवार दो दोस्तों की मौत पर भड़के परिजनों द्वारा सड़क जाम कर हंगामा करने के बाद से ही पुलिस अलर्ट थी। पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचने पर मगरवारा चौकी का पुलिसबल घर पर तैनात हो गया। इसके बावजूद पुलिस बवालियों के मंसूबे नहीं भांप सकी। बुधवार सुबह सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शव लेकर सड़क पर पहुंचे तो पुलिस के होश उड़ गए।

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बड़ी संख्या में भीड़ के सड़क पर जाम लगाने और हंगामा करने की सूचना के बावजूद पुलिस बिना बॉडी प्रोटेक्टर के हाथों में डंडा लेकर पहुंच गई। इसका खामियाजा 15 पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा। सड़क हादसे में राजेश व विपिन की मौत के बाद से परिजनों में गुस्सा था।

वह लगातार कार चालक की गिरफ्तारी और 20 लाख मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे थे। मंगलवार को उन्होंने इसी मांग को लेकर उन्नाव-रायबरेली मार्ग पर जिला अस्पताल के सामने जाम लगाया था। उस समय तो पुलिस ने मामला शांत करा दिया था पर शव गांव पहुंचने के बाद कुछ लोगों ने मुआवजा न मिलने की बात कह परिजनों को भड़का दिया।

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रात से ही दोबारा सड़क जाम करने की योजना बनने लगी। सुबह 10 बजे मृतकों के गांव देवीखेड़ा के अलावा दयालखेड़ा, बाबाखेड़ा, उमरावखेड़ा व बग्गाखेड़ा के सैकड़ों लोग सड़क  पर पहुंच गए। गांव के सामने शव रखकर जाम लगा दिया। सदर कोतवाली के अलावा, गंगाघाट, अजगैन, माखी, अचलगंज स्वॉट कमांडो व महिला थाना के पुलिस तीन घंटे जाम हटाने के लिए परिजनों को समझाता रहा।

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भीड़ के न मानने पर हल्का बल प्रयोग किया तो भीड़ भड़क गई और पथराव शुरू कर दिया। जान बचाने के लिए कुछ पुलिस कर्मी सड़क के दूसरे छोर पर एक मकान के छज्जे के नीचे खड़े हो गए। पीछे भागने की जगह न मिलने पर भीड़ द्वारा चलाए गए ईंट-पत्थरों से कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। किसी के सिर में गंभीर चोट आई और किसी का होंठ फट गया। बॉडी प्रोटेक्टर व हेलमेट न होने से कई पुलिस कर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं। 

चार घंटे आवागमन बाधित 
जाम व पथराव के दौरान सड़क पर ईंटें बिछ गईं। सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक कानपुर-शुक्लागंज मार्ग पूरी तरह बाधित रहा। मरहला से होकर वाहन हाईवे से गंतव्य को निकले। शहर के गांधी नगर से गदनखेड़ा चौराहा की ओर से वाहन निकलने को मजबूर रहे। 

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उपद्रव के बीच गलियों से निकलकर भीड़ बार-बार ईंट-पत्थर लेकर पुलिस पर पथराव करती रही। आसपास के दुकानदार शटर बंदकर दुकान के अंदर घुस गए। कई उपद्रवियों ने छतों पर चढ़कर पुलिस पर ईंट बरसाईं। पुलिस कर्मियों को घायल देख उच्चाधिकारियों का इशारा मिलते ही पुलिस ने जिसे पाया दौड़ाकर पीटा। महिला कमांडो फोर्स ने आगे मोर्चा संभाल रहीं महिलाओं को सबक सिखाया। पुलिस के लठियाने पर भगदड़ मच गई। पुलिस ने उपद्रव में शामिल लोगों को घरों से निकालकर पीटा और कोतवाली पहुंचाया। ग्रामीणों के अनुसार पुलिस ने मृतकों के परिजनों को भी गिरफ्तार किया है। 

शव छोड़कर भाग गए परिजन 
उपद्रवियों पर पुलिस की जवाबी कार्रवाई देख सड़क जाम किए परिजन शव छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने शवों को सड़क से हटाकर किनारे कराया। पुलिस की दहशत में दो घंटे तक परिजन शवों को पास नहीं पहुंचे। अंतिम संस्कार में देरी होती देख पुलिस ने गांव जाकर पड़ोसियों के जरिए परिजनों को बुलवाकर गंगाघाट में शवों का अंतिम संस्कार कराया।

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