अब उत्तर प्रदेश में अपराधियों के बारे में जानकारी एक क्लिक में उपलब्ध होने जा रहा है। इसके लिए त्रिनेत्र एप्लीकेशन तैयार की जा रही है, जिसमें आपराधिक रिकार्ड दर्ज होगा। पुलिस अपराधियों का ये क्राइम डेटा तैयार कर रही है.
अपराधी का नाम, उंगलियों के निशान, रेटिनल स्कैन और जन्मतिथि दर्ज करने के बाद सारी जानकारी प्रदर्शित हो जाएगी। इसमें अपराधियों के अपराध, उन्हें मिली सज़ा या उन पर रखे इनाम की जानकारी भी होगी. इसकी बदौलत अपराधियों का डेटा एक जगह जमा हो जायेगा है और कहीं से भी देखा जा सकता है।
बताया जा रहा है कि नो योर क्रिमिनल से अपराधियों की हिस्ट्री जानी जा सकती है। यूपी पुलिस सभी जिलों के क्रिमिनल का त्रिनेत्र एप्लीकेशन पर रिकार्ड दर्ज कर रही है। इस कारण से, गिरफ्तार और निर्वासित अपराधियों की जानकारी हासिल करने के लिए क्षेत्र में स्कैनिंग डिवाइस लगाए गए हैं।
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त्रिनेत्र ऐप के अलावा यूपी कॉप ऐप में भी अपराधी की फोटो, पता और आईपीसी समेत सारी जानकारी दर्ज की जा रही है। मामले की जानकारी देने वाले एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल ने बताया कि जिले के हर थाने में मशीनें लगाने का काम शुरू हो गया है। अपराध में शामिल लोगों पर डेटा एकत्र किया जा रहा है। जल्द ही रिकार्ड दर्ज कर त्रिनेत्र ऐप पर अपलोड कर दिया जाएगा।
त्रिनेत्र ऐप में सभी जिलों के अपराधियों का डाटा होगा। इतना ही नहीं कई क्रिमिनल ऐसे भी हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश के शहरों में अपराध किया है लेकिन वे सभी मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के भी रहने वाले हैं। स्थानीय पुलिस अब पिछले दस साल के इन सभी का रिकार्ड मेनटेन कर अपराधियों का केवाईसी करने की तैयारी कर रहा है।
ताकि क्रिमिनल का रिकार्ड मेनटेन कर उन पर निगरानी रखी जा सके। साथ ही पुलिस को एक ही जगह पर क्रिमिनल का सारा डाटा मिलेगा जिससे उनके रेटिना स्कैन और उंगलियों के निशान आसानी से लिए जा सकते हैं और किसी अपराध के होने पर जल्द से जल्द उन्हें मिलाकर कार्रवाई की जा सकती है।