माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि कि यूपी बोर्ड से जुड़े छात्रों पर अब पढ़ाई का बोझ डिवाइड हो जायेगा। आने वाले नए सत्र से कक्षा 9 से 12 तक कुल 8 सेमेस्टर में पढ़ाई और परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इतना ही नहीं विज्ञान, कला और कामर्स वर्ग को समाप्त कर एक ही वर्ग का कोर्स चलाया जाएगा, जिनमें बोर्ड के सभी विषय शामिल होंगे।
नई शिक्षा नीति के अनुसार उच्च शिक्षा की तरह अब माध्यमिक शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम में बदलाव की योजना बनाई जा रही है। बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्रों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ जाता है। छात्रों को एक साथ साल भर की पढ़ाई करनी होती है।
छात्रों को पढ़ाई में सहूलियत मिले, इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग (यूपी बोर्ड) अब सेमेस्टर के अनुसार बोर्ड की परीक्षा लेगा, जिससे छात्र परीक्षा के लिए बेहतर तैयारी कर सकें। शिक्षा विभाग के अनुसार सेमेस्टर में 50 नंबर के सवाल प्रयोगात्मक होंगे। इनमें से 20 अंक के प्रश्नों के उत्तर ओएमआर शीट पर देने होंगे। वहीं 50 नंबर की लिखित परीक्षा होगी। लिखित परीक्षा में भी सवालों में विकल्प दिए जाएंगे। संबंधित विकल्प में से किन्हीं एक का जवाब परीक्षार्थी को देना होगा।
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विज्ञान के साथ इतिहास विषय भी पढ़ सकेंगे छात्र (यूपी बोर्ड)
अभिभावक अब अपने बच्चों पर विज्ञान वर्ग से पढ़ाई करने का दबाव नहीं डाल सकेंगे, न ही कला वर्ग से पढ़ाई करने वाले बच्चे की काबिलियत पर कोई सवाल उठा सकेगा। विभाग इसके लिए इन सभी वर्ग को खत्म कर सामान्य वर्ग के कोर्स जारी करेगा।
यूपी बोर्ड के अनुसार रसायन विज्ञानं, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान व गणित पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले छात्र का मन इतिहास पढ़ने का है तो वह उसको पढ़ सकेगा। इसी तरह भूगोल, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र व गृह विज्ञान पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले छात्र इच्छानुसार गणित या विज्ञान विषय की पढाई कर सकेंगे।
सेमेस्टर व्यवस्था लागू होने से छात्रों में समग्र शिक्षा का होगा विकास
माध्यमिक शिक्षा विभाग (यूपी बोर्ड) के कोर्स में सेमेस्टर प्रणाली लागू होने से छात्रों में समग्र शिक्षा का विकास होगा। पढ़ाई का भार कम होने के साथ ही अपनी रुचि के विषय को पढ़ने का मौका मिलेगा। पाठ्यक्रम के साथ ही कौशल विकास से जुड़े कोर्स में भी छात्र पढ़ सकेंगे, इसके जरिए उन्हें तकनीक व समाज से जुडी शिक्षा लेने का अवसर मिलेगा।
सेमेस्टर प्रणाली लागू होने से कम समय में छात्रों का मूल्यांकन हो सकेगा। जिस विषय में वे कमजोर हैं, उसमें सुधार करने का मौका मिलेगा। विज्ञान वर्ग की पढ़ाई करने वाले छात्र की रुचि साहित्य में है, तो वह इसे एक पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ सकेंगे।
समग्र व्यक्तित्व मूल्यांकन प्रमाण पत्र मिलेगा
डाॅ. प्रदीप कुमार, (संयुक्त शिक्षा निदेशक, लखनऊ मंडल) ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग (यूपी बोर्ड) में एनसीएफ-2023 को पूरी तरीके से लागू किया जाएगा। नए साल में इसके लिए कई तरह की योजना बनाई गई है। उच्च शिक्षा की तरह माध्यमिक शिक्षा विभाग (यूपी बोर्ड) में भी सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी। मार्कशीट की तरह छात्रों को समग्र व्यक्तित्व मूल्यांकन प्रमाण पत्र दिया जाएगा। खेलकूद में प्रतिभाग, विज्ञान प्रदर्शनी व अन्य तरह के प्रशिक्षण कार्य के प्रमाण पत्र शामिल होंगे।
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