प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। 

अब जिनके पास पट्टाशुदा भूखंड है और उस पर पहले से कोई निर्माण है, उन्हें अनुदान नहीं मिलेगा। 

पहले ऐसे लोगों को भी योजना का लाभ मिल जाता था, जिनके भूखंड पर थोड़ा बहुत निर्माण था और वे उसे बढ़ाना चाहते थे। 

अब सिर्फ वही लोग पात्र हैं जिनके पास पट्टाशुदा खाली भूखंड है या उस पर सिर्फ कच्चा मकान है। पक्के निर्माण वाले आवेदन खारिज होंगे। 

करीब 10 साल पहले शहरी क्षेत्रों के लिए यह योजना ग्रामीण PMAY की तर्ज पर शुरू की गई थी, ताकि गरीबों को पक्का घर मिल सके। 

पहले पात्रता में ढील थी और लोग निर्माण कार्य का विस्तार करके अनुदान का लाभ ले पा रहे थे। 

अब पट्टाशुदा भूखंड पर पहले से बने एक कमरे के साथ भवन विस्तार करने वालों को अब कोई सहायता नहीं दी जाएगी। 

नई गाइडलाइन से कई पुराने लाभार्थी योजना से बाहर हो गए हैं। लोगों की मांग है कि पहले जैसी छूट दोबारा लागू हो।