Single Use Plastic Ban: देशभर में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लग रहा है. इसके तहत प्लास्टिक से बनी कई चीजें मिलनी बंद हो जाएंगी. इसमें रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें भी शामिल हैं, जो अब नहीं दिखेंगी. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने उन सामानों की लिस्ट जारी की है, जिनपर रोक लग रही है
सिंगल यूज प्लास्टिक यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें, जिसका हम सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर इस्तेमाल कर फेंक देते हैं और जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है.
सिंगल यूज प्लास्टिक की इन चीजों पर लगा बैन
- प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथीन (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले)
- प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स
- गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक
- प्लास्टिक के झंडे
- कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक
- थर्माकोल (पॉलिस्ट्रीन)
- प्लास्टिक की प्लेट
- प्लास्टिक के कप
- प्लास्टिक के गिलास
- कांटे
- चम्मच
- चाकू
- स्ट्रॉ
- ट्रे
- मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म
- इन्विटेशन कार्ड
- सिगरेट के पैकेट
- 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर
- स्टिरर (चीनी आदि मिलाने वाली चीज)
मंत्रालय की तरफ से साफ बताया गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक अगर कोई इस्तेमाल करता पाया गया तो उसको दंड मिलेगा. इसमें जेल और जुर्माना दोनों शामिल हैं. बताया गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए) के सेक्शन 15 के तहत एक्शन होगा.
प्रदेश सरकारें इस बात पर कड़ी नजर रखेंगी कि सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) को कहीं पर अवैध रूप से बनाया, इंपोर्ट, जमा, बेचा या इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा. फिलहाल FMCG सेक्टर को इस बैन से छूट मिली है. लेकिन पैकिंग के लिए इस्तेमाल प्लास्टिक पर्यावरण के हिसाब से ठीक है, इसका ध्यान रखना होगा.
भारत की बात करें तो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक सर्वे बताता है कि देश में हर दिन 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है, जिसमें से सिर्फ 60% को ही इकट्ठा किया जाता है. बाकी कचरा नदी-नालों में मिल जाता है या पड़ा रहता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, भारत में हर साल 2.4 लाख टन सिंगल यूज प्लास्टिक पैदा होता है. इस हिसाब से हर व्यक्ति हर साल 18 ग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा पैदा करता है.