होमहरदोईहरदोई : 3 गुना ज्यादा गन्ना पैदा कर अरविन्द हुए सम्मानित

हरदोई : 3 गुना ज्यादा गन्ना पैदा कर अरविन्द हुए सम्मानित

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हरदोई। टड़ियावां विकास खंड के ग्राम पुरवा निवासी किसान अरविंद कुमार ने खेती में आधुनिक तकनीक और जैविक खाद का इस्तेमाल कर गन्ना उत्पादन में नया रिकार्ड बनाया है। औसत उपज से तीन गुना ज्यादा गन्ना पैदा करने पर अरविंद को शाहजहांपुर में आयोजित गन्ना मिठास मेला में 17 मार्च को गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने सम्मानित भी किया है।

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ग्राम पुरवा निवासी अरविंद स्नातक हैं। कई साल से वे खेती कर रहे हैं। करीब दो साल पहले उन्होंने गन्ने की खेती का तरीका बदल दिया। विभिन्न किसान गोष्ठियों और कार्यशालाओं में दी जाने वाली जानकारी का उपयोग कर अरविंद ने ट्रेंच विधि से बुवाई की।

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उन्होंने शरदकालीन बुवाई अक्टूबर में ही कर दी और बसंत कालीन बुवाई भी नियम के मुताबिक फरवरी में कर दी। नतीजा यह हुआ कि गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन बताती हैं कि जिले में गन्ने का औसत उत्पादन 784 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, लेकिन अरविंद कुमार के खेतों में गन्ने की उपज 2631 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से हुई।

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अरविंद की मेहनत, तकनीक के इस्तेमाल और जैविक खादों के प्रयोग के बारे में विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया था। इसके बाद उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया गया था। 17 मार्च को शाहजहांपुर में उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद की ओर से आयोजित गन्ना मिठास मेला 2021 में गन्ना विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने अरविंद कुमार को सम्मानित किया।

अपने अनुभव का इस्तेमाल किया। साथ ही साथ विभिन्न प्रशिक्षणों और कार्यशालाओं में जो कुछ सिखाया गया उस पर भी अमल कियाजैविक खाद का उपयोग किया। कंप्यूटरीकृत लेवलर से खेत को बराबर कराने में मदद ली। अच्छी उपज के लिए गन्ने की खेती से पहले खेत में ढैंचा बोया, गोबर की खाद डालकर खेत की जुताई की, ट्रेंच विधि से गन्ना बोया, बीज शोधन कराया और बीज के चयन पर भी ध्यान दिया: अरविन्द कुमार

कहती हैं कि विभिन्न प्रशिक्षणों और कार्यशालाओं में जो जानकारी दी जाती है, उसका इस्तेमाल कर हर किसान यह कमाल कर सकता है। गन्ने की खेती के लिए पंचामृत बताया गया था। इसके मुताबिक ट्रेंच विधि से बुवाई, समय से बुवाई, बीज शोधन एवं मृदा शोधन, ट्राइकोडरमा का इस्तेमाल जैविक खाद के साथ, बीज का चुनाव पर ध्यान देना जरूरी है: जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन

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