Sanskrit Scholarship Scheme 2024: वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को संस्कृत छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत प्रदेश के 69,512 विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति की राशि ट्रांसफर की गई। यह पहली बार है जब प्रथमा से लेकर आचार्य स्तर तक के सभी विद्यार्थियों को एक साथ छात्रवृत्ति दी गई है।
मुख्यमंत्री योगी ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षांत मंडप में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रदेश सरकार ने 23 साल बाद संस्कृत छात्रवृत्ति योजना (Sanskrit Scholarship Scheme 2024) में संशोधन करते हुए इसकी दरों में वृद्धि की है और पात्रता शर्तों को भी सरल बनाया है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों के छात्रों ने इस अवसर पर हर्ष व्यक्त किया।
अभी तक कुल 1,21,977 छात्र पंजीकृत हुए हैं और उनमें से 69,512 ने आवेदन किया है। इस योजना के तहत पहली बार प्रथमा स्तर (कक्षा 6-8) से छात्रवृत्ति की शुरुआत की गई है, जिसमें आय सीमा के प्रतिबंध को भी हटा दिया गया है।
Sanskrit Scholarship Scheme 2024 की विशेषताएं
संशोधित छात्रवृत्ति योजना का लाभ प्रथमा से लेकर आचार्य तक सभी विद्यार्थियों को मिलेगा। 2024-25 में इस योजना का संचालन ऑफलाइन रहेगा, जबकि 2025-26 से इसे ऑनलाइन रूप में लागू किया जाएगा। छात्रवृत्ति का भुगतान दो किस्तों में होगा—पहली किस्त दशहरा से पहले और दूसरी होली से पूर्व। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें से 5.86 करोड़ की राशि प्रथम किस्त के लिए जारी कर दी गई है।
- यह भी पढ़ें –
- रतन टाटा की जीवनी, शिक्षा, विवाह, नेटवर्थ, धर्म, परिवार
- सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय, शिक्षा, करियर, रिकॉर्ड्स
संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का इतिहास
संस्कृत छात्रवृत्ति योजना (Sanskrit Scholarship Scheme 2024) की शुरुआत 1970 में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के गठन के साथ हुई थी, जिसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित किया गया। बाद में इसे डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा मिला और 2020 में यह केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के रूप में कार्यरत हो गया। यह विश्वविद्यालय अखिल भारतीय स्तर पर संस्कृत भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार हेतु मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करता है।
छात्रवृत्ति के लिए पात्रता मानदंड
- सामान्य श्रेणी: 60% अंक
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग: 50% अंक
- अन्य पिछड़ा वर्ग: 55% अंक
हर वर्ष छात्रवृत्तियों की संख्या सरकारी धन की उपलब्धता पर निर्भर करती है। पात्र छात्रों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाते हैं, जिनके लिए जुलाई से अगस्त के बीच प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन दिए जाते हैं।
Sanskrit Scholarship Scheme 2024 योजना के माध्यम से संस्कृत के प्रति छात्रों की रुचि को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री योगी का यह कदम प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के संवर्धन और विस्तार में मील का पत्थर साबित होगा।
Latest Hardoi News के लिए क्लिक करें..
- यह भी पढ़ें –
- Hardoi News: टुकड़ों में मिला 11 वर्षीय मासूम का शव
- Hardoi News: नाबालिग से अभद्रता करने वाला आरोपी गिरफ्तार
- Hardoi News: ड्यूटी में लापरवाही करना पड़ा भारी, 2 सिपाही निलंबित