देश की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों Amazon और Flipkart के खिलाफ विदेशी निवेश से जुड़े कानून के उल्लंघन के आरोपों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। इस जांच के तहत ED जल्द ही इन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों को समन भेजने की तैयारी कर रहा है।
हालांकि Amazon और Flipkart का कहना है कि वे भारत के कानूनों का पालन करती हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से ED इन कंपनियों के खिलाफ चुनिंदा सेलर्स के माध्यम से इन्वेंटरी पर नियंत्रण करने के आरोपों की जांच कर रहा है। भारतीय कानूनों के अनुसार, विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां केवल एक मार्केटप्लेस के रूप में कार्य कर सकती हैं और सीधे इन्वेंटरी पर नियंत्रण नहीं रख सकतीं।
Amazon और Flipkart के कुछ सेलर्स पर हुई छापेमारी
पिछले हफ्ते ED ने Amazon और Flipkart के कुछ सेलर्स के परिसरों पर छापेमारी की थी। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छापों में जब्त दस्तावेजों से यह संकेत मिला है कि इन कंपनियों ने विदेशी निवेश कानून का उल्लंघन किया है। इन दस्तावेजों और डीलिंग्स का विश्लेषण किया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन कंपनियों का किसी भी प्रकार का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण इन्वेंटरी पर है या नहीं।
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भारत के लगभग 70 अरब डॉलर के ई-कॉमर्स बाजार में Amazon और Flipkart की बड़ी हिस्सेदारी है। Datum Intelligence के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष इस बाजार में Flipkart की हिस्सेदारी लगभग 32% और Amazon की 24% थी।
इस मामले में ED, Amazon, और Flipkart ने Reuters द्वारा भेजे गए प्रश्नों का कोई उत्तर नहीं दिया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, छापों में मिले दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि ये कंपनियां अपने कुछ सेलर्स का केवल नाम के लिए इस्तेमाल कर रही हैं, जबकि असल नियंत्रण खुद ही रखती हैं।
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