HomeबिजनेसGST: 5 लाख की बीमा प्रीमियम हो सकती है टैक्स फ्री!

GST: 5 लाख की बीमा प्रीमियम हो सकती है टैक्स फ्री!

GST काउंसिल की 55वीं बैठक अगले महीने राजस्थान में आयोजित होने जा रही है, जिसमें आम लोगों की नजर इस पर टिकी हुई है। इस बैठक में खासकर हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी दरों में कटौती पर विचार किया जाएगा।

मौजूदा समय में इन प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है, लेकिन काउंसिल इसे घटाने पर फैसला कर सकती है। साथ ही जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के विषय में भी अहम निर्णय लिए जा सकते हैं।

हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर GST कम करने का प्रस्ताव

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर GST की दरों को कम करने पर विचार होगा। मंत्री समूह ने अपनी रिपोर्ट में 5 लाख रुपये तक के बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को पूरी तरह हटाने की सिफारिश की है। 5 लाख से अधिक के बीमा पर जीएसटी दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत या उससे भी कम करने की संभावना पर भी चर्चा की जा रही है।

राज्यों में सहमति

बैठक से जुड़े जानकारों का कहना है कि कई राज्य इस बात के पक्ष में हैं कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी आवश्यक सेवाओं पर कर नहीं लगना चाहिए, जिससे आम नागरिकों को राहत मिल सके। हालांकि, कुछ राज्यों का तर्क है कि पूरी तरह जीएसटी हटाने से राजस्व में कमी होगी।

5 लाख रुपये तक के बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को हटाने से ही राज्यों को 2100 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होने का अनुमान है। ऐसे में बीच का रास्ता अपनाते हुए उच्च प्रीमियम पर जीएसटी दर को घटाने का प्रस्ताव है।

सरकार के लिए बड़ा राजस्व स्रोत

GST के रूप में स्वास्थ्य और जीवन बीमा से केंद्र और राज्य सरकारों को अच्छा-खासा राजस्व मिलता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम 90,032 करोड़ रुपये था, जिसमें व्यक्तिगत बीमा का हिस्सा 35,300 करोड़ रुपये था। वर्तमान 18 प्रतिशत GST दर के अनुसार, व्यक्तिगत प्रीमियम से ही सरकार को लगभग 6,354 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसलिए अंतिम फैसला लेने से पहले इसके सभी प्रभावों पर विचार किया जा रहा है।

जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने पर विचार

बैठक में GST दरों के मौजूदा स्लैब को तर्कसंगत बनाने पर भी चर्चा होगी। वर्तमान में जीएसटी के चार मुख्य दर स्लैब हैं—5%, 12%, 18%, और 28%। मंत्री समूह की पिछली बैठक में यह सुझाव आया था कि सभी पक्षों के विचारों के आधार पर जीएसटी दरों को समायोजित किया जाना चाहिए।

नवगठित समूह के प्रमुख बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि अंतिम निर्णय से पहले सभी सुझावों पर व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा।

आम आदमी को मिल सकती है राहत

इस बैठक में लिए जाने वाले निर्णय से स्वास्थ्य और जीवन बीमा लेने वाले लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। जीएसटी दरों में कटौती से इन बीमा प्रीमियम की लागत में कमी आएगी, जिससे आम नागरिकों का आर्थिक बोझ हल्का हो सकता है।

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