होमदेशपंचतत्व में विलीन में हुईं स्वर कोकिला लता मंगेशकर

पंचतत्व में विलीन में हुईं स्वर कोकिला लता मंगेशकर

spot_img

HBN: लता मंगेशकर के निधन से आज पूरा देश गमगीन है। अपनी आवाज के जरिए गीतों में जान फूंकने वाली लता मंगेशकर के निधन के साथ एक स्‍वर्णीम युग का भी अंत हो गया है। उनकी आवाज का जादू हमेशा देशवासियों पर राज करता रहेगा। उनके निधन पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने दुख व्‍यक्‍त किया है। उनके निधन पर केंद्र सरकार ने दो दिन के राष्‍ट्रीय शोक की घोषणा की है।

पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने अपने ट्वीट में उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुंबई के शिवाजी पार्क पहुंचकर पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। यहीं पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया

लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने स्वर कोकिला को मुखाग्नि दी और इसी के साथ वे पंचत्तव में विलीन हो गईं. लगा मंगेशकर का रविवार को मुम्बई में निधन हो गया. उनके महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. लता मंगेशकर 28 दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं. इस दौरान उन्हें कई बार जनरल वार्ड और आईसीयू में रखा गया. कुछ दिनों पहले उन्हें आईसीयू से शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन बीते दिन उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया. मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर से भी स्‍वर कोकिला का खास रिश्‍ता रहा है.

भारतीय सिनेमा की महान पार्श्व गायिकाओं में शामिल लता  ने वर्ष 1942 में 13 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया था और विभिन्न भारतीय भाषाओं में 25,000 से अधिक गीत गाए.

गायन के अपने सात दशक से अधिक लंबे करियर के दौरान उन्होंने ‘अजीब दास्तां है ये’,‘प्यार किया तो डरना क्या’और ‘नीला असमन सो गया’ सहित कई यादगार गीत गाए हैं. भारत रत्न, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित लता को विदेशों में भी सम्मानित किया गया था.

इससे पहले, लता मंगेशकर को दक्षिण मुंबई में उनके आवास से शिवाजी पार्क के लिए अंतिम विदाई के समय सुर साम्राज्ञी की आखिरी झलक पाने के लिए बेताब प्रशंसकों की भीड़ घंटों इंतजार करती दिखी. इस दौरान लोगों ने सुर कोकिला के गीतों को गाकर, नारे लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

उनके आवास के सामने की गली ‘‘जब तक सूरज चंद रहेगा, लता दीदी का नाम रहेगा’’ और ‘‘लता दीदी अमर रहे’’ के नारों से गूंज उठी

ये इत्‍तफाक ही है कि जिस गीत ए मेरे वतन के लोगों, ने उन्‍हें एक नई पहचान दी थी उसको लिखने वाले कवि प्रदीप का आज जन्‍मदिन भी है। आज ही लता स्‍वर्ग के लिए प्रस्‍थान कर गईं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दिग्गज गायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया

फ्रांस के राजदूत ने जताया दुख
भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने भी ट्वीटर पर दुख प्रकट किया. उन्होंने लिखा, “भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन से गहरा दुख हुआ. वो अपने आप में एक संस्था थीं, उन्हें उनके अतुलनीय गायन करियर की मान्यता में फ्रांस के अधिकारी डे ला लीजियन डी’होनूर ‘फ्लैग से सम्मानित किया गया था. दुनिया भर में उनके चाहने वालों और प्रशंसकों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना.”

नेपाल से आई श्रद्धांजलि
नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने भी ट्वीट करते हुए लिखा, “कई नेपाली गीतों को अपनी सुरीली आवाज से सजा चुकीं प्रसिद्ध भारतीय गायिका लता मंगेशकर के निधन की खबर से दुखी हूं. असाधारण प्रतिभा की धनी स्वर्गीय लता मंगेशकर को मैं भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं.
spot_img
- Advertisment -

ताज़ा ख़बरें