हरदोई। सूबे के अमृत शहर में शुमार अपने शहर के हर घर को अलग पहचान मिलेगी। हर घर का यूनिक(Uniqe) आईडी कोड होगा। नगर पालिका भी सिर्फ एक क्लिक से पालिका क्षेत्र के किसी भी मकान का पूरा आंकलन कर सकेगी। नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि सर्वे शुरू हो गया है। शहर के करीब तीस हजार मकानों को यूनिक (Uniqe) आईडी मिलेगी तो पालिका को उचित टैक्स की प्राप्ति भी हो सकेगी।
डोर टू डोर हो रहे सर्वे में अपट्रान पॉवरट्रॉनिक्स लिमिटेड के कर्मी घर जाएंगे। कर्मचारी हर घर का दरवाजा खटखटाएंगे। संपत्ति की तस्वीर लेंगे, घर मालिक-किरायेदार की जानकारी के साथ पूरी डिटेल सॉफ्टवेयर पर अपलोड करेंगे।
इसके बाद संपत्ति कर की चोरी नहीं की जा सकेगी। शहर की आबादी डेढ़ लाख से अधिक है। अभी तक 30 हजार परिवार शहर में रह रहे हैं, लेकिन पंजीकरण इससे भी काफी कम है। सर्वे के बाद जहां शहर के लोगों को अपने मकान, दुकान और कांप्लेक्स का यूनिक (Uniqe) आईडी नंबर मिलेगा, वहीं पालिका को भी बढ़े हुए मकान, दुकान का पूरा सर्वे प्राप्त होगा और इसकी मदद से उन्हें टैक्स लेने में भी आसानी होगी।
नगर पालिका ईओ रविशंकर शुक्ल का कहना है कि यह शहर अमृत शहर की श्रेणी में शामिल हैं। सूबे के कई शहरों ने इस सर्वे को पूरा करा लिया है। यहां भी सर्वे शुरू कर दिया गया है। शुरुआत आवास विकास कालोनी से हो गई है। एजेंसी के कर्मचारियों को आईडी कार्ड दिए गए हैं, जो घर-घर पहुंचेंगे। शहरवासी सर्वे में अपना सहयोग करें ताकि सर्वे जल्द से पूर्ण हो सके।
जीआईएस सर्वे रोकेगा टैक्स चोरी
कर्मचारियों के वेतन समेत खर्चे इन्हें संपत्तिकर, जल कर समेत अन्य करों से निकालने होते हैं, इसलिए अब इनके सामने चुनौती है कि ये टैक्स चोरी रोकें, यही वजह है कि अब आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। जीआईएस सर्वे उसी में से एक है।
शहर में अभी करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की टैक्स वसूली की जाती है, लेकिन कई गुना चोरी हो जाती है। उम्मीद है कि इस सर्वे से पालिका का टैक्स 10 गुना से अधिक बढ़ जाएगा।
इस सर्वे के बाद पालिका की संपत्ति भी सुरक्षित रहेगी जो अभी अतिक्रमण में है उसे भी मुक्त करा लिया जाएगा। भविष्य में भी पालिका की जमीन पर अतिक्रमण करना लोगों को काफी मुश्किल होगा।
ये सारी डिटेल देनी होंगी
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