होमहरदोईहरदोई: करोड़ो की ऑनलाइन ठगी में चार नाइजीरियन को भेजा गया जेल

हरदोई: करोड़ो की ऑनलाइन ठगी में चार नाइजीरियन को भेजा गया जेल

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उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने शहर कोतवाली पुलिस के साथ दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके से चार नाइजीरियन को 100 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है। चारों नाइजीरियन विवाह, लॉटरी आदि के नाम पर लोगों से ठगी करते थे। चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। 

गौरतलब है कि इस साल 30 मई को बेसिक शिक्षा परिषद की एक शिक्षिका ने शहर कोतवाली में ऑनलाइन धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया था। इन ठगों ने पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोगों को भी अपना शिकार बनाया।

शिक्षिका ने अपनी शिकायत में कहा था कि एक वेबसाइट पर विवाह के लिए उसने अपनी प्रोफाइल पोस्ट की थी। इसके जवाब में यूके के एक नंबर से मैसेजिंग और वाट्सएप चैट शुरू हो गई। इसके बाद शिक्षिका को एक गिफ्ट पार्सल से भेजा गया और फिर कोरियर कंपनी का लिंक व ग्लोबल ट्रैकिंग नंबर दे दिया गया। ट्रैक करने पर पार्सल दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम
फीस के लिए रोका जाना दिखाया गया। इसके बाद अलग-अलग बैंकों में लगभग 15 लाख रुपये शिक्षिका से जमा करा लिए गए। पूरे मामले की विवेचना शहर कोतवाली की निरीक्षक श्वेता त्रिपाठी कर रही थीं। उन्होंने एसटीएफ लखनऊ की मदद मांगी थी। इस पर एसटीएफ के सीओ पीके शुक्ला के नेतृत्व वाली टीम को खुलासा करने में लगाया गया था।

बैंक खातों के स्टेटमेंट से हाथ लगे सुराग 
जिन बैंक खातों में रुपये जमा कराए गए थे, उनके स्टेटमेंट निकलवाने पर एसटीएफ को काफी सुराग मिल गए। पता चला कि ठगों के तार दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी और तुगलकाबाद इलाके से जुड़े हैं। गिरोह का मुख्य सरगना जेम्स जिम उर्फ टोनी डेनिस गोविंदपुरी के गली नंबर-19 स्थित मकान से गिरोह का संचालन कर रहा है।

एसटीएफ और शहर कोतवाली की पुलिस ने गुरुवार को दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके से नाइजीरिया निवासी माइकल चियागोजियामा, नेल्सन चियागोजियामा, फ्रेंसिस इमैका उड़ाला और पैट्रिक चकोडी उड़ाला को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के मुताबिक फर्जीवाड़े के अलावा फॉरेन एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। विस्तृत छानबीन के लिए आईबी, एफआरआरओ (फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर), इनकम टैक्स विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और नाइजीरिया दूतावास को भी लिखा गया है।
एसटीएफ ने ठगों का निशाना बने सेंथिल कुमार और डी. अनुसुईया से जानकारी ली तो पता चला कि तमिलनाडु के वेल्लोर निवासी टीएस रमेश नाम व्यक्ति ने रिलीफ फंड के नाम पर रुपये यह कहकर जमा कराए थे कि कुछ समय में ही चार गुना रकम वापस कर दी जाएगी। जांच के दौरान पता चला कि टीएस रमेश वेल्लोर की एक धार्मिक संस्था में कैटरिंग का कार्य करता है। वह खुद को यूगांडा निवासी टोनी डेनिस का कर्मचारी बताता है। जिन खातों में ठग रुपये जमा कराते थे वह अधिकांश उत्तर-पूर्वी भारत के प्रदेशों के लोगों के नाम खुलवाए जाते थे। फर्जी कोरियर, वेब पेज और आरबीआई वेबपेज भी ये शातिर बना देते थे।
गिरफ्तार किए गए चारों नाइजीरियन हृदय रोग का उपचार कराने के बहाने भारत में रहने का वीजा हासिल करने में सफल हुए थे। वर्ष 2019 में नई दिल्ली के एक नामी अस्पताल में इलाज के नाम पर वीजा दिया गया था, लेकिन यहां आकर इन लोगों ने ऑनलाइन ठगी करना शुरू कर दिया। माइकल, पैट्रिक और नेल्सन के पासपोर्ट वैध हैं, लेकिन वीजा की अवधि कई माह पहले समाप्त हो चुकी है। भारत में अवैध रूप से रहने के मामले में भी इन पर एफआईआर दर्ज की गई है।
आरोपियों के पास से 34 मोबाइल फोन, सात लैपटॉप, तीन नाइजीरियन सिम कार्ड, तीन यूके सिम कार्ड, 13 भारतीय सिमकार्ड, 45 एटीएम कार्ड, एक एटीएम कार्ड नायरा बैंक नाइजीरिया का, सात चेकबुक, मिजोरम और नागालैंड की विभिन्न बैंकों की 82 पासबुक, एनसीआर बैंक की अलग-अलग शाखाओं की दस पासबुक, दस पासपोर्ट, 2200 नायरा (नाइजीरियन मुद्रा), 4790 रुपये भारतीय मुद्रा, तीन यलो कार्ड सहित कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद हुए हैं।

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