हरदोई। जिले में डिप्थीरिया जैसी गंभीर संक्रमण की बीमारी तेजी से फैल रही है। पिछले 24 घंटे के अंदर दो डिप्थीरिया के संदिग्ध मरीज मिले है, दोनों मरीज बच्चे हैं। दोनों बच्चों को भर्ती करा दिया गया है।
डॉ पंकज मिश्रा के अनुसार पिहानी इलाके का एक 10 साल के बच्चे की कई दिनों से तबीयत खराब थी। जब बच्चे के परिजनों ने मंगलवार को डॉक्टर से सलाह ली, तो बच्चे में संदिग्ध डिप्थीरिय के लक्षण पाए गए थे। उसे तुरंत 100 शैया संयुक्त चिकित्सालय में बने डिप्थीरिया के वार्ड में भर्ती कराया गया है।
वहीं बुधवार की देर शाम को बेहंदर सीएचसी के क्षेत्र में एक गांव में 10 वर्ष का बच्चा दवा लेने आया था। यहां उसे देखने पर डिप्थीरिया के लक्षण मिले है। इसके बाद उसे वार्ड में भर्ती कराया गया है। जांच के लिए गुरुवार को नमूना भेजा जाएगा। आपको बता दें जिले में इससे 46 डिप्थीरिया के मरीज पाए जा चुके हैं।
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क्या है डिप्थीरिया बीमारी?
डिप्थीरिया एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण होता है, जो नाक और गले की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करता है। यह बीमारी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली बीमारी है, लेकिन समय पर दवाएं लेने से इससे बचा जा सकता है।
इसका उपचार करने के लिए दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन बीमारी अधिक बढ़ने से हृदय, किडनी और तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है। उपचार के बावजूद भी डिप्थीरिया जानलेवा हो सकता है।
लक्षण
डिप्थीरिया के कुछ लक्षण आमतौर पर ज़ुकाम के लक्षणों जैसे मिलते जुलते होते हैं। इस संक्रमण के कारण गला खराब, बुखार, ग्रंथियों में सूजन और कमजोरी आदि समस्याएं होती हैं. लेकिन गहरे ग्रे कलर के पदार्थ की एक मोटी परत गले के अंदर जमना इसकी पहचान का मुख्य लक्षण होता है। यह परत आपकी सांस लेने वाली नलिकाओं को अवरुद्ध कर सकती है, जिससे आपको सांस लेने में दिक्क्त होने लगती है।
अगर आपके परिवार में किसी को भी डिप्थीरिया है या उसके लक्षण हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. अपने बच्चे को इसकी प्रतिरक्षा का टीका लगवाएं।
बचाव के उपाय
डिप्थीरिया के टीके को डीटीएपी (DTAP) नाम से भी जाना जाता है और यह ज्यादातर काली खांसी और टेटनस के टीके के साथ में दिया जाता है। यह टीका पांच खुराकों में बच्चों को दिया जाता है.
- 2 महीने
- 4 महीने
- 6 महीने
- 15 से 18 महीने
- 4 से 6 वर्ष