होमहरदोईपिहानी :बीडीओ (BDO)समेत तीन लोकायुक्त (lokayukta) जांच में फंसे

पिहानी :बीडीओ (BDO)समेत तीन लोकायुक्त (lokayukta) जांच में फंसे

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हरदोई। पिहानी विकास खंड की ग्राम पंचायत ररी में लघु सिंचाई विभाग की निशुल्क बोरिंग योजना के तहत अपात्र को लाभ देने के मामले में लोकायुक्त (lokayukta) ने तत्कालीन खंड विकास अधिकारी (BDO) समेत तीन लोगों को दोषी पाया। इनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। लोकायुक्त (lokayukta) के निर्देश शनिवार को जिले में आने के बाद लघु सिंचाई विभाग में भी खलबली मची है।

पिहानी विकास खंड के ग्राम ररी निवासी राम मोहन सिंह ने लोकायुक्त (lokayukta) के समक्ष परिवाद दाखिल किया था। इसमें दावा किया था कि गांव का नत्थू लघु सिंचाई विभाग की निशुल्क बोरिंग योजना के तहत पात्र नहीं था। इसके बावजूद वर्ष 2011-12 में नत्थू को निशुल्क बोरिंग योजना का लाभ दिया गया।

दो एकड़ से कम कृषि योग्य भूमि पर ही योजना का लाभ दिया जा सकता है

योजना के मुताबिक ऐसे व्यक्तियों को ही लाभान्वित किया जा सकता है, जिनके पास दो एकड़ से कम कृषि योग्य भूमि हो, जबकि नत्थू सिंह के पास लगभग 11 एकड़ भूमि थी। इसके बावजूद उसे लाभान्वित कर दिया गया।

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लोकायुक्त (lokayukta) न्यायमूर्ति संजय मिश्रा ने अपात्र को योजना से लाभान्वित करने में पिहानी विकास खंड में तैनात लघु सिंचाई विभाग के तत्कालीन अवर अभियंता मंसूर असलम, पिहानी के तत्कालीन खंड विकास अधिकारी सेवाराम चौधरी और तत्कालीन सहायक बोरिंग टेक्नीशियन अमित कुमार को दोषी माना है। तीनों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

खास बात यह है कि जिस नत्थू सिंह को अपात्र होने के बावजूद निशुल्क बोरिंग योजना के तहत पात्र घोषित करते हुए लाभ दे दिया गया, उनकी मौत हो चुकी है। हालांकि लोकायुक्त (lokayukta) की जांच के दौरान नत्थू सिंह के एक करीबी रिश्तेदार का बयान लिया गया था, जिसमें उन्होंने बोरिंग से कोई समस्या न होने की बात कही थी, लेकिन वाद दर्ज कराने वाले का आरोप था कि गलत ढंग से लाभ दिया गया है।

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