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पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन के गठन को मिली हरी झंडी

पीलीभीत: कैबिनेट ने पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन का गठन किए जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। वहीं फाउंडेशन के संबंध में अन्य निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है।

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 (यथा संशोधित 2006) की धारा-38 (ग) में निहित प्रावधानों के अंतर्गत पीलीभीत टाइगर रिजर्व फाउंडेशन का संगम ज्ञापन और पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन, उप्र की नियमावली के अनुरूप यह निर्णय लिया गया है।

प्रदेश में जैव विविधता के संरक्षण व प्रबंधन के लिए बाघ संरक्षण फाउंडेशन स्थापित किया जाना जरूरी है। पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन का गठन भारत सरकार से प्राप्त पूर्वानुमति के आधार पर एक समिति के रूप में किया जा रहा है।

इसका उद्देश्य स्वीकृत टाइगर कंजर्वेशन प्लान के अनुसार विभिन्न स्टेक होल्डर की सहभागिता से पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को बाघ एवं जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग प्रदान करना होगा

समिति की गतिविधियां कार्यदायी संस्था संचालित करेगी। बाघ संरक्षण के लिए समिति के मुख्य उद्देश्य पीलीभीत टाइगर रिजर्व और निकटवर्ती भू-क्षेत्र में पारिस्थितिकीय, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित करना, पीलीभीत टाइगर रिजर्व व निकटवर्ती क्षेत्र के प्राकृतिक वातावरण को सुरक्षित रखने में सहयोग प्रदान करना है। ईको पर्यटन, ईको विकास, अनुसंधान, पर्यावरणीय शिक्षा, प्रशिक्षण, प्रबंधन और सलाह देने जैसे क्षेत्र में सहयोग करना होगा।

पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन प्रभारी मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अध्यक्षता में एक शासी निकाय करेगा। फाउंडेशन के रूटीन कार्य के प्रबंध को संचालित करने के लिए एक कार्यकारिणी समिति का गठन किया जाएगा। फाउंडेशन के कामकाज का संचालन पर्यटकों के प्रवेश व अन्य सेवाओं से प्राप्त शुल्क, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से प्रोजेक्ट विशेष को मिले धन से होगा।

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