अर्टेमिस 1 (Artemis 1) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का मार्स पर्सिवरेंस रोवर के बाद बेहद महत्वपूर्ण मिशन है. इसे 29 अगस्त 2022 की शाम साढ़े छह से साढ़े 8 के बीच लॉन्च करना था. लेकिन ईंधन लीक की वजह से टाल दिया गया. नासा स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट के जरिए ओरियन स्पेसशिप (Orion Spaceship) को चांद के चारों तरफ चक्कर लगाकर वापस आने के लिए भेज रहा है
इस उड़ान के दौरान ओरियन स्पेसशिप (Orion Spaceship), जो कि दुनिया के सबसे ताकतवर और बड़े रॉकेट के सबसे ऊपरी हिस्से में होगा. वह इंसानों की अंतरिक्ष उड़ान के लिए बनाया गया है. यह वह दूरी तय कर सकता है, जो आज तक किसी स्पेसशिप ने नहीं की है.
यह मिशन के दौरान धरती से चंद्रमा तक पहले 4.50 लाख किलोमीटर की यात्रा करेगा. उसके बाद चंद्रमा के फार साइड यानी अंधेरे वाले हिस्से की तरफ 64 हजार किलोमीटर दूर जाएगा. ओरियन स्पेसशिप (Orion Spaceship) बिना इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर जुड़े ही इतनी लंबी यात्रा करने वाला पहला अंतरिक्षयान होगा. वहां से सकुशल वापस भी आएगा.
स्पेसक्राफ्ट Artemis 1 में क्रू मेम्बर नहीं, अभी डमी जाएंगे
चांद पर इंसानों को भेजने से पहले यह एक टेस्ट है. फिलहाल इसमें कोई क्रू नहीं जा रहा है. ओरियन में इंसानों की जगह डमी को बैठाया जा रहा है. इससे नासा नेक्स्ट जेनेरेशन स्पेससूट और रेडिएशन लेवल का मूल्यांकन करेगा. पुतलों के साथ स्नूपी सॉफ्ट टॉय को भी भेजा जा रहा है, जो कैप्सूल के चारों ओर तैरेगा और ज़ीरो ग्रैविटी इंडिकेटर के तौर पर काम करेगा. ओरियन, चंद्रमा के चारों ओर करीब 42 दिन की लंबी यात्रा करेगा.
अगर यह मिशन सफल होता है, तो 2025 के अंत तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहली महिला और दो अंतरिक्ष यात्रियों को उतारा जाएगा. दूसी टेस्ट फ्लाइट Artemis II, मई 2024 के लिए निर्धारित है, जो 4 लोगों को लेकर चंद्रमा के पीछे लेकर जाएगी, ये चांद पर लैंडिंग नहीं करेगा.