Fake E-Challan Scam: भारत में डिजिटल फ्रॉड के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं, और ताजा मामला है फर्जी ई‑चालान स्कैम (Fake E-Challan Scam) का, जो तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। इस स्कैम में स्कैमर्स व्हाट्सएप या SMS के ज़रिए M-Parivahan या RTO के नाम से एक चालान भेजते हैं, जो दिखने में एकदम असली लगता है। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है — यह एक साइबर ठगी का नया तरीका है।
कैसे होता है ये Fake E-Challan Scam?
इस स्कैम में व्हाट्सएप पर एक चालान संदेश भेजा जाता है, जिसमें लिखा होता है कि आपने ट्रैफिक नियम का उल्लंघन किया है। इसमें चालान नंबर, तारीख, लोकेशन, जुर्माना राशि आदि बेहद प्रोफेशनल ढंग से दी जाती है, जिससे यह असली चालान जैसा लगे।
इस मैसेज में एक “E-Challan Report”, “Parivahan” या “Challan” नाम की फाइल भी अटैच होती है। पहली नजर में यह फाइल PDF लगती है, लेकिन असल में इसका फॉर्मेट होता है APK, यानी Android Application Package।
- यह भी पढ़ें –
- रोहित शर्मा का जीवन परिचय
- डॉ भीमराव अंबेडकर का जीवन…
यदि आपने इस फाइल को डाउनलोड करके इंस्टॉल कर लिया, तो आपके फोन का पूरा कंट्रोल स्कैमर के पास चला सकता है। वे आपके कॉल, मैसेज, OTP और यहां तक कि बैंक ऐप तक एक्सेस हासिल कर सकते हैं।
क्या हो सकता है नुकसान?
- बैंक खातों से पैसे गायब हो सकते हैं
- निजी जानकारी चोरी हो सकती है
- फोन को रिमोट एक्सेस मिल सकता है स्कैमर्स को
- OTP से लेकर ऐप्स तक सब कुछ हैक हो सकता है
कैसे बचें इस E-Challan स्कैम से?
- ऐसे किसी भी संदिग्ध मैसेज या फाइल को कभी डाउनलोड न करें
- APK फाइल्स को केवल Google Play Store से ही इंस्टॉल करें
- फोन में Google Play Protect ऑन रखें
- Unknown Sources से इंस्टॉल का विकल्प बंद रखें
- किसी भी E-Challan की स्थिति जानने के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट या राज्य की ट्रैफिक पुलिस साइट का ही उपयोग करें
- स्कैमिंग नंबर को तुरंत ब्लॉक करें और 1930 पर रिपोर्ट करें
सावधानी ही सुरक्षा है। डिजिटल दौर में एक गलत क्लिक भारी नुकसान का कारण बन सकता है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।