पेराई सत्र शुरू हुए तीन महीने से ज्यादा हो गया, लेकिन सरकार ने 2022-2023 का गन्ना मूल्य अब तक घोषित नहीं किया है। वहीं, लागत बढ़ने का हवाला देकर किसान गन्ना मूल्य वृद्धि की मांग कर रहे हैं। उधर, गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने सप्ताह भर में गन्ना मूल्य बढ़ोतरी घोषित करने को कहा है।
उत्तर प्रदेश में चल रहीं 120 चीनी मिलों से लगभग साठ लाख से ज्यादा गन्ना किसान जुड़े हैं। अभी तक गन्ना मूल्य घोषित न होने के कारण मिल पिछले साल के 340-350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान कर रहे हैं। किसानों की मांग को देखते हुए गन्ना क्षेत्र के सांसद समेत अन्य नेता अगले वर्ष लोकसभा चुनाव को देखते हुए मूल्य वृद्धि को जरूरी बता रहे हैं।
उनका तर्क है कि यदि अगले वर्ष गन्ना मूल्य बढ़ाया गया तो उसे चुनाव के कारण हुई बढ़ोतरी कहा जाएगा। इसलिए इस वर्ष कुछ न कुछ गन्ना मूल्य अवश्य बढाया जाए। पूर्व अध्यक्ष गन्ना समिति का कहना है कि पेराई सत्र शुरू हो चुका है। मिलों का लाभ बढ़ने और किसानों की लागत को देखते हुए मूल्य वृद्धि जरूरी है।
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि पंजाब ने गन्ने का मूल्य 380 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। उत्तर प्रदेश में 450 रुपये का रेट तो होना ही चाहिए। इससे कम पर किसानों को घाटा है, जबकि एथनॉल नीति से भी मिलों को लाभ हो रहा हैं।
वहीँ केंद्रीय राज्यमंत्री पशुधन डॉ. संजीव बालियान का कहना है कि मूल्य वृद्धि पर कई बार गन्ना मंत्री से बात हुई है। जो भी बढ़े पर दाम बढ़ना जरूरी है।
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