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देश में ब्लैक फंगस (black fungus) के करीब 9 हजार मामले

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देश में ब्लैक फंगस (black fungus) के करीब 8,848 मामले हैं। ब्लैक फंगस (black fungus) यानी म्यूकरमाइकोसिस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार इसके इलाज में अहम एंफोटेरिसिन-बी की उपलब्धता भी बढ़ाने में जुट गई है। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने शनिवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस दवा की 23,680 अतिरिक्त शीशियां (वायल) उपलब्ध कराई गई हैं।

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रसायन और उर्वरक मंत्री गौड़ा ने ट्वीट कर बताया कि देश में ब्लैक फंगस (black fungus) के करीब 8,848 मामले हैं और इसी के आधार पर राज्यों को एंफोटेरिसिन-बी की शीशियां उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि कुल आवंटन में से 75 फीसद दवा आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्यों के हिस्से में आई है।

जाने ब्लैक फंगस (black fungus) से किन अंगों को पहुंचता है नुकसान 

ब्लैक फंगस (black fungus) से नाक, आंख, साइनस और कभी-कभी दिमाग को भी नुकसान पहुंचता है। इंसानों में ब्लैक फंगस के संक्रमण के मामले बहुत कम मिलते हैं। मिट्टी, पौधों, खराब फल और सब्जियों में ब्लैक फंगस होते हैं और इसके संपर्क में आने के बाद कभी-कभी इंसान भी इससे संक्रमित हो जाता है।

स्टेरायड का इस्तेमाल हो रहा घातक 

डाक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान स्टेरायड का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्टेरायड से रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित करती है और ब्लैक फंगस ब्लैक फंगस (black fungus) से कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को ही पकड़ता है। यही वजह है कि कोरोना से ठीक होने वाले ज्यादातर मरीज, खासकर डायबिटिक के मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं।

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