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दुष्कर्म के दो अलग अलग मामलों में दोषियों को 10-10 वर्ष की सजा

हरदोई। एएसजे पॉक्सो के जज अबुल कैश ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने में आरोपी को दोषी कराके देते हुए 10 वर्ष और उसके सहयोगी को पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को पुलिस अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया।

शाहाबाद थाना क्षेत्र निवासी एक पीड़ित पिता ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें बताया था कि उसकी 14 वर्षीय बेटी 15 दिसंबर 2015 को शौच के लिए घर से निकली थी। उसे मोहल्ले का युवक अपने बहनोई के साथ बहला-फुसलाकर ले गया। उसने बेटी के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामले की जांच कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।

अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जज ने मुख्य आरोपी मनोज को 10 वर्ष का कारावास और उनके सहयोगी रामकुमार को पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।

दुष्कर्म के एक और मामले में दोषी को 10 वर्ष की कैद व 20 हजार का अर्थदंड

वहीँ दुष्कर्म के एक और मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट के जज सुनील कुमार सिंह द्वितीय ने गुरुवार को दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष कारावास की सजा और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोषी को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

पिहानी कोतवाली क्षेत्र की महिला की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। पीड़िता ने बताया था कि आठ अक्तूबर 2017 को उसकी बेटी खेतों में गोबर डालने गई थी। जहां पर युवक ने बेटी को गन्ने के खेत में खींचकर दुष्कर्म किया था। पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी।

अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे हैं शासकीय अधिवक्ता कृष्ण गोपाल तिवारी व क्षितिज दीक्षित ने बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद भगवानदास उर्फ भालू को दोषी मानते हुए 10 वर्ष के कारावास की सजा एवं 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि जमा न करने की स्थिति में दोषी को छह माह के अतिरिक्त कारावास का आदेश दिया है।

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