हरदोई: नगर पालिका परिषद हरदोई के 26 वार्डों व शहर के आसपास नए सृजित मोहल्लों में घरों से निकलने वाले कूड़े से खाद बनाने का संयंत्र अब मेडिकल कालेज के निकट बनेगा। इसके लिए इटौली गांव के समीप जमीन देखी गई है। कागजी औपचारिकताएं पूरी करके जमीन नगर पालिका के हवाले करने की कवायद चल रही है।
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मालूम हो कि करीब तीन साल पहले स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी क्षेत्र में कूड़े से जैविक खाद बनाने की योजना को हरी झंडी मिली थी। इसके लिए तीन करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत हुई है। नगर पालिका प्रशासन ने सदर तहसील के गांव नीर में जमीन देखी थी, लेकिन छानबीन के बाद इसे अधिकारियों ने मानकों पर खरा नहीं पाया है। इसके पास से नदी निकली होने के कारण उसके प्रदूषित होने की आशंका व्यक्त की गई है। क्षेत्रफल भी पर्याप्त नहीं है। इसके बाद करीब एक साल से दूसरी जमीन चयनित करने की प्रक्रिया चल रही है जो अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
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अभी कूड़े को हाईवे व अन्य मार्गों किनारे भी फेंक दिया जाता है। अक्सर खंती में भी कूड़े की ट्राली पलट दी जाती है। इससे दुर्गंध से राहगीरों को मुश्किल होती है। वहीं कूड़े से पालिका को किसी प्रकार की आय भी नहीं होती है। खाद बनाने के प्लांट में तैयार खाद से पालिका की आय बढ़ेगी, जिसका विकास कार्यों में उपयोग होगा।
रोडसाइड हिस्से में पार्क डेवलप कर देंगे। पिछले हिस्से में कूड़े से खाद बनेगी:अधिशासी अधिकारी
नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी रविशंकर शुक्ला का कहना है कि इटौली के पास हरदोई-सीतापुर हाईवे किनारे जमीन मिल गई है। जिलाधिकारी से इसके हस्तांतरण संबंधी प्रपत्र मंडलायुक्त कार्यालय भेजने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही जमीन उलब्ध हो जाएगी। इसके बाद प्लांट लगाने का काम शुरू हो जाएगा। कार्यदाई संस्था सीएण्डडीएस को चुना गया है। रोडसाइड हिस्से में पार्क डेवलप कर देंगे। पिछले हिस्से में खाद बनेगी।
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स्वच्छ भारत मिशन शहरी के जिला परियोजना समन्वयक पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि पालीथीन व गीले कूड़े को अलग किया जाएगा। इसके बाद प्रोसेसिंग कर खाद तैयार की जाएगी। यह खाद किसानों को रियायती दर पर मिलेगी। इससे रासायनिक खादों की खपत कम हो जाएगी।