पिहानी/हरदोई : मोहर्रम पर मुंबई से आए शिया धर्मगुरु मौलाना गुलाम अब्बास में मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि आज दुनिया में इस्लाम के नाम पर आतंकवाद फैला हुआ है जबकि हकीकत यह है कि इस्लाम कभी किसी बेगुनाह को मारने की अनुमति नहीं देता। बाद में नोहा ख्वानी एवं सीना जनी की गई। जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। कस्बे में घर-घर मजलिसों का दौर जारी है।
मजलिसों में भारी संख्या में लोगों ने भाग लेकर नवासा-ए-रसूल हजरत इमाम हुसैन को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। डॉक्टर मीसम मिर्जा के आवास पर मुंबई से पधारे मौलाना गुलाम अब्बास ने हजरत इमाम हुसैन की जीवन और उनकी शहादत का वर्णन किया।
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उन्होंने कहा कि करबला में इमाम हुसैन किसी जंग के लिए नहीं गए थे। बल्कि मकसद-ए-इमाम हुसैन यह था कि खुदा का दीन बच जाए इंसानियत कयामत तक की जिंदगी अता हो। यही सब इमाम हुसैन ने करबला में करके दिखाया।
दुनिया को बताया कि हक और बालित में क्या फर्क है। उन्होंने कहा कि विश्वभर में आज इस्लाम के नाम पर आतंकवाद फैला हुआ है। जबकि हकीकत यह है कि इस्लाम कभी किसी बेगुनाह को मारने की अनुमति नहीं देता।
मौलाना गुलाम अब्बास ने फरमाया कि इस्लाम केवल भाईचारा, इत्तेहाद व सभी धर्मों के सम्मान का हुक्म देता है। महिलाओं, बच्चों के लिए इस्लाम खासतौर से कहता है कि इनकी इज्जत व सम्मान में किसी प्रकार की कमी न की जाए। लेकिन जो लोग इस्लाम की आड़ में बेगुनाह की हत्या कर रहे हैं। वह कभी इस्लाम के पैरोकार नहीं हो सकते।
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