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दुधवा टाइगर रिजर्व: दुधवा में अब खुले में घूमते मिलेंगे गैंडे, पर्यटकों की चांदी

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लखीमपुर खीरी। दुधवा टाइगर रिजर्व की गैंडा पुनर्वासन योजना के तहत लगभग 4 दशक से ऊर्जा बाड़ में रह रहे चार गैंडों को जंगल में खुला छोड़े जाने का रास्ता साफ हो गया है। असम से आए गैंडा विशेषज्ञों ने दुधवा आकर गैंडों को आजादी दिए जाने की स्थितियों का जायजा लिया। इससे भविष्य में पड़ने वाले प्रभाव का भी आकलन किया।

कुछ दिन पहले ही गैंडों की आजादी को लेकर दुधवा नेशनल पार्क में एक कार्यशाला हुई थी। इसमें केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के पूर्व सदस्य सचिव और अतिरिक्त वन महानिदेशक (प्रोजेक्ट टाइगर) रिटायर्ड आईएफएस गैंडा विशेषज्ञ बीएस बोनाल, लीड गैंडा संरक्षण कार्यक्रम अमित शर्मा, मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक समेत कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।

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इन विशेषज्ञों ने ऊर्जा बाड़ में रह रहे गैंडों को जंगल में खुला विचरण करने की स्थितियों का आकलन किया। स्थानीय वनाधिकारियों से बातचीत करने के साथ चंदनचौकी में ग्रामीणों से भी गैंडों की आजादी से होने वाले प्रभाव पर व्यापक बातचीत की।

दुधवा टाइगर रिजर्व: जंगल में छोड़ने से पहले चारों गैंडों को लगेंगे रेडियो कॉलर

विशेषज्ञों ने पाया कि दुधवा में गैंडों को खुला विचरण के लिए आजाद किया जा सकता है। दुधवा नेशनल पार्क में मिलने वाली उन वनस्पतियों की प्रचुरता है जो गैंडों का पसंदीदा भोजन है। इसके अलावा यहां पर्याप्त मात्रा में वेटलैंड भी हैं, जो गैंडों को प्राकृतवास देने में सक्षम हैं।

दुधवा का वन क्षेत्र काफी विस्तृत है, जिसमें गैंडे आसानी से विचरण कर सकते हैं। बावजूद इसके छोड़े गए गैंडों की विधिवत निगरानी किए जाने की जरूरत होगी। इसके लिए छोड़े जाने वाले गैंडों को रेडियो कॉलर लगाने का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में चार गैंडों को आजाद करने की योजना तैयार की गई है। इसके बाद चरणबद्घ तरीके से अन्य गैंडों को भी जंगल में आजाद किया जाएगा।

दुधवा टाइगर रिजर्व में चल रही गैंडा पुनर्वासन योजना में 46 गैंडों में से चार गैंडों को ऊर्जा चालित बाड़ से मुक्त कर जंगल में स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़े जाने की योजना तैयार की गई है। मौजूदा स्थितियों और भविष्य में इसके प्रभाव का अध्ययन किया गया है। स्थितियां अनुकूल हैं। कुछ ही महीनों में चारों गैंडों को रडियो कॉलर लगाकर आजाद करने की प्रक्रिया शुरू होगी। – डॉ. रंगाराजू टी, उपनिदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व

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