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सोमवती अमावस्या आज, सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखती हैं व्रत

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हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पूरे वर्ष में दो से तीन सोमवती अमावस्या पड़ती हैं। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि यानि अमावस्या 14 दिसंबर, दिन सोमवार को पड़ रही है। इस दिन दान और स्नान का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति हेतु नदी में स्नान और प्रार्थना करते हैं। स्नान के बाद पितरों के नाम से दान भी किया जाता है साथ ही इस दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत भी किया जाता है।

पीपल वृक्ष की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती

ज्योतिषाचार्य के अनुसार कि सोमवती अमावस्या यह एक ऐसा दिन है जिसे हर जगह की सुहागन स्त्रियां करती हैं। आज ही के दिन दैत्य गुरु शुक्राचार्य को मृत संजीवनी की प्राप्ति हुई थी। इस मुहूर्त में चदं्रमा रहता ही नहीं है। इस दिन पीपल वृक्ष की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। सोमवार को भगवान शिवजी का दिन माना जाता है। इसलिए है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं और पीपल के वृक्ष में शिवजी का वास मानकर उसकी पूजा और परिक्रमा करती हैं।

सनातन धर्म के लोग यह मानते हैं कि पीपल में सभी देवों का वास होता है और पीपल के पत्ते को पूजने से सभी देवता की आराधना का फल मिलता हे। व्रती को मूल और रूई स्पर्श नहीं करना चाहिए। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की परिक्रमा करने का विधान है। उसके बाद अपने सामर्थ अनुसार गरीबों को भोजन कराने से भी फल की प्राप्ति होती है। आज के दिन यह भी मान्यता है कि पितरों को जल देने से उन्हें तृप्ति मिलती है।

सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करना चाहिए

सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करना चाहिए। साथ ही सूर्य नारायण को जल चढ़ाना है। ऐसा करने से दरिद्रता दूर होती है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है ऐसे जातक आज के दिन गाय को दही और चावल खिलाएं तो उन्हें मानसिक शांति प्राप्त होगी। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा के साथ ही मौन व्रत को धारण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

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