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बहराइच हिंसा: पुलिस ने किया अफवाहों का खंडन कहा, न उखाड़े गए नाखून न तलवार मारी गई

बहराइच हिंसा के दौरान मारे गए रामगोपाल मिश्रा की मौत को लेकर सोशल मीडिया पर कई भ्रामक अफवाहें फैल रही हैं। यूपी पुलिस ने इन अफवाहों का सख्ती से खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि रामगोपाल की मौत गोली लगने से हुई है। पुलिस ने जोर देकर कहा कि न तो उन्हें करंट के झटके दिए गए, न ही तलवार से हमला किया गया, और न ही उनके पैरों के नाखून नोचे गए। पुलिस ने यह भी कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में केवल गोली लगने से मौत की पुष्टि हुई है।

बहराइच हिंसा: साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश

सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के उद्देश्य से कई भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं, जैसे कि रामगोपाल को करंट लगाकर मारा गया, तलवार से काटा गया, और नाखून उखाड़े गए। पुलिस ने इन अफवाहों को निराधार बताया और लोगों से अपील की कि वे इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और समाज में शांति बनाए रखें। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि इस हिंसा में केवल रामगोपाल की ही मौत हुई है और किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई।

हालात सामान्य, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

प्रतिमा विसर्जन के दौरान रविवार और सोमवार को हुई हिंसा के बाद अब जिले में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। हालांकि, सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल अभी भी तैनात है। एडीजी गोरखपुर जोन केएस प्रताप और कमिश्नर शशि भूषण लाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

घटना के बाद पुलिस ने अब तक 12 मुकदमे दर्ज किए हैं और 55 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। बुधवार को चौथे दिन हिंसा प्रभावित इलाकों जैसे रमपुरवा, भगवानपुर, हरदी, शिवपुर, और खैरा बाजार में दुकानें खुल गईं और लोग बेखौफ होकर अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए बाजारों में नजर आए।

पुलिस की लापरवाही पर कार्रवाई

रविवार और सोमवार की हिंसा के दौरान पुलिस की लापरवाही भी सामने आई थी। एसपी ने हरदी थाना प्रभारी सुरेश वर्मा और महसी चौकी प्रभारी को तत्काल निलंबित कर दिया। वहीं, विसर्जन के दौरान सीओ रुपेंद्र गौड़ पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें भी निलंबित कर दिया गया। उनकी जगह रवि खोखर को महसी की जिम्मेदारी दी गई है।

यह घटना न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए कुछ लोग अफवाहों का सहारा ले रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और जिले में शांति बनाए रखें।

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Pradeep Pal
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प्रदीप पाल, पिछले छह सालों से डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. इस दौरान इन्होंने अलग-अलग कई न्यूज़ पोर्टल्स पर काम किया. मूल रूप से हरदोई के रहने वाले हैं. बिजनेस के साथ ही राजनीति, शिक्षा, मनोरंजन, लाइफस्टाइल और सरकारी योजनाओं की खबरों में ख़ास रूचि है.
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