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यूपी कांग्रेस कार्यालय के बाहर धारा 144 का नोटिस चस्पा, आराधना मिश्रा सहित कई नेता हाउस अरेस्ट

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लखनऊ: सोनिया व राहुल से ईडी की पूछताछ के विरोध में लखनऊ में कांग्रेसियों ने ईडी दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया। धारा-144 लागू होने के बावजूद प्रदर्शन करने पर पुलिस ने कई कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि देर शाम उन्हें ईको गार्डन में छोड़ दिया गया।

वहीं, कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना और मीडिया विभाग के अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पुलिस ने सोमवार की सुबह ही हाउस अरेस्ट कर लिया था। नसीमुद्दीन ने कहा कि धरना-प्रदर्शन हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। इसे छीनकर सरकार ने इस पर कुठाराघात किया है। ब्यूरो

ईडी दफ्तर पर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी गिरफ्तार
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ईडी का समन कांग्रेसियों को रास नहीं आया। उन्होंने इसका विरोध करते हुए लखनऊ में भी ईडी दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया। उससे पहले पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर धारा-144 लागू होने का नोटिस चस्पा करते हुए धरना-प्रदर्शन न करने की हिदायत दी थी।

इसके बावजूद न मानने पर कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें शाम को ईको गार्डेन से छोड़ दिया गया। उधर, कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना और मीडिया विभाग के अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पुलिस ने सोमवार की सुबह ही हाउस अरेस्ट कर लिया था।

कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार के दबाव में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेजा है। जबकि, नेशनल हेराल्ड पेपर मामले में कांग्रेस और उसके नेताओं ने कहीं से भी नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। राहुल गांधी को पूछताछ के लिए सोमवार को ईडी ने बुलाया था, जिसके खिलाफ कांग्रेस ने पूरे देश में धरना-प्रदर्शन का एलान किया था।

लखनऊ पुलिस ने सुबह से ही कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर चौकसी बढ़ा दी थी लेकिन कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता हजरतगंज स्थित ईडी कार्यालय पर पहुंचने में सफल रहे। कांग्रेसी नेता अंशु अवस्थी ने कहा कि इस जुल्म के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे। जिस परिवार का देश के लिए बलिदान देने का इतिहास रहा हो, उसके खिलाफ इस तरह की अनैतिक कार्यवाही सहन न करना हम सबका कर्तव्य है। मीडिया विभाग के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि धरना-प्रदर्शन हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, जिसे छीनकर सरकार ने इस पर कुठाराघात किया है।

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