HomeविदेशOldest Mummy: मिस्र में खुदाई में मिली 4300 साल पुरानी 'ममी'

Oldest Mummy: मिस्र में खुदाई में मिली 4300 साल पुरानी ‘ममी’

मिस्र की रेत के नीचे इतिहास के रहस्य दफन हैं। पुरातत्वविदों ने अब पूरी तरह सोने में लिपटी 4,300 साल पुरानी ममी का पता लगाया है। संभव है कि ये अब तक की सबसे पुरानी ममी हो। इस ममी का नाम ‘हेकाशेप्स‘ है जो 50 फीट गहराई में चूना पत्थर से बने ताबूत में मिली है.

मिस्र में पुरातत्वविदों की एक टीम ने राजधानी काहिरा के निकट प्राचीन मकबरे को खोज निकाला है, जिसके अंदर लगभग 4300 साल पुरानी संरक्षित ममी मिली है. यह मिस्र में आज तक खोजी गई सबसे पुरानी Mummy हो सकती है. पुरातत्वविदों और इतिहासकारों को इस प्राचीन ममी के जरिये प्राचीन मिस्र के इतिहास को और विस्तृत रूप से जानने में मदद मिलेगी.

खोज कर रहे पुरातत्वविदों की टीम के लीडर जही हवास ने बताया कि हेकाशीप्स नाम के शख्स की Mummy मिली है. उहोने बताया इस Mummy को एक पत्थर से बने ताबूत के अंदर दफनाया गया होगा, जिसके बाद चूने की एक परत से उसे बंद कर दिया गया होगा. सक्कारा में जिस मकबरे के अंदर इस ममी खोजा गया है, उसका संबंध 5वें और 6ठे साम्राज्य से है.

हवास ने आगे बताया कि यह ममी मिस्र में अब तक खोजी गईं Mummy में सबसे पुरानी हो सकती है. साथ ही खास बात है कि ताबूत के अंदर यह ममी करीब-करीब पूरी मिली है, जबकि पुरानी खोजों में मिली Mummy में ऐसा कम ही देखा गया है.

साइट पर पुरातत्वविदों को कई और मकबरे भी मिले हैं. इनमें से एक मकबरा उनास साम्राज्य के Khnumdjedef की है, जो उस समय काफी जिम्मेदार लोगों में से एक था. मकबरों में कई तरह की मूर्तियां भी मिली हैं. इसके अलावा दीवारों पर भी अलग-अलग तरह की कलाकृतियां बनी हुई हैं. 

हाल ही में हुई थी 2300 साल पुरानी ममी की खोज

मालूम हो कि हाल ही में मिस्र में एक 2300 साल पुरानी Mummy की खोज की गई थी. यह ममी एक 15 से 16 साल की उम्र के लड़के की है. ममी जिस ताबूत में मिली है, उसमें कई ऐसे चीजें भी मिली जिन्हें देखकर पुरातत्वविद भी दंग रह गए.

पुरातत्वविदों को ताबूत के अंदर से सोने का मास्क, Mummy के मुंह के अंदर सोने की चीभ और सीने में सोने का दिल मिला है. इसके साथ ही ताबूत में 21 तरह के 49 ताबीज भी मिले हैं. इनमें कुछ ताबीज लड़के की ममी के ऊपर और कुछ शरीर के अंदर मिले हैं.

इस लड़के शरीर में और में कहां-कहां ताबीज थे, इसका पता लगाने के लिए कंप्यूटर टोमोग्राफी स्कैन का इस्तेमाल भी किया गया है. मिस्र की सरकार ने इस खोज के बारे में जानकारी दी है. 

Pradeep Pal
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प्रदीप पाल, पिछले छह सालों से डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. इस दौरान इन्होंने अलग-अलग कई न्यूज़ पोर्टल्स पर काम किया. मूल रूप से हरदोई के रहने वाले हैं. बिजनेस के साथ ही राजनीति, शिक्षा, मनोरंजन, लाइफस्टाइल और सरकारी योजनाओं की खबरों में ख़ास रूचि है.
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