हरदोई जिले में गला घोंटू बीमारी, जिसे डिप्थीरिया के नाम से जाना जाता है, तेजी से फैल रही है। स्वास्थ्य विभाग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 79 संदिग्ध मामलों में से 16 में डिप्थीरिया की पुष्टि हो चुकी है, और इस खतरनाक बीमारी के कारण 5 बच्चों की जान जा चुकी है।
अस्पताल में इलाज जारी
100 शैया संयुक्त चिकित्सालय के डिप्थीरिया वार्ड में इस समय 10 बच्चों का इलाज चल रहा है। स्थिति गंभीर होती जा रही है, जिससे बच्चों की मौत और संक्रमण के बढ़ते मामलों ने टीकाकरण की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं।
डिप्थीरिया ने ली इन बच्चों की जान
विकास खंड सुरसा के सहोरिया बुजुर्ग की 11 वर्षीय दीपांशी, मल्लावां के भवानीपुर के 11 वर्षीय आशु, संडीला के बीबीपुर गोगांवा के 6 वर्षीय शिवा और टोडरपुर के भदेउनी गांव में एक अन्य बच्चे की गला घोंटूसे मौत हो गई है। डिप्थीरिया का संक्रमण दर अब 20 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो कि चिंताजनक स्थिति है।
स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉक्टर पंकज मिश्रा के अनुसार, डिप्थीरिया का इलाज कठिन है और इससे बचने का एकमात्र तरीका टीकाकरण है। उन्होंने कहा, “गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। जिन बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ या अधूरा रह गया है, उनके इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा अधिक है।”
टीकाकरण की अपील
डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में महंगी दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही हैं और 100 शय्या पर इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है। हरदोई में डिप्थीरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए, माता-पिता से आग्रह किया गया है कि वे अपने बच्चों का समय पर टीकाकरण कराएं और किसी भी स्वास्थ्य समस्या पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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