Hardoi News: हरदोई के शाहाबाद ब्लॉक के गांव मगियांवा में मनरेगा के तहत किए जाने वाले विकास कार्यों में धांधली सामने आई है। ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक पर आरोप है कि उन्होंने कागजों पर ही काम दिखाकर मनरेगा की राशि का गबन किया। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने इस मामले में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं और बीडीओ को रिपोर्ट दर्ज कराने की जिम्मेदारी सौंपी है।
बिना काम के निकाले गए लाखों रुपये
मगियांवा गांव में मनरेगा योजना के तहत राम निवास के खेत से नहर पुलिया तक चकमार्ग का निर्माण कार्य धरातल पर नहीं हुआ, फिर भी इसके लिए 1,46,940 रुपये की निकासी की गई। इसी प्रकार नगला लोथू संपर्क मार्ग से बिरगेन के खेत तक चकमार्ग पर बिना काम किए 1,58,316 रुपये का भुगतान कर दिया गया। जांच में सामने आया कि कार्य की जो फोटो प्रस्तुत की गई थी, वह भी फर्जी थी और किसी अन्य स्थान की थी।
अन्य विकास कार्यों में भी गड़बड़ी का आरोप
गांव में अमृत सरोवर पर की गई इंटरलॉकिंग में भी खामियां पाई गईं। कई जगह इंटरलॉकिंग धंस चुकी है और झाड़ियों से ढकी हुई है। सोलर लाइटें भी ज्यादातर खराब पाई गईं, जिससे गांव में अधूरे विकास कार्यों की स्थिति उजागर होती है।
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जिम्मेदारों पर गिरी गाज, विभागीय कार्रवाई के निर्देश
मनरेगा श्रम एवं रोजगार उपायुक्त रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि जांच में ग्राम प्रधान हरिनाम सिंह, पंचायत सचिव देशराज गौड़ और तकनीकी सहायक बृजेश शर्मा को दोषी पाया गया है। डीएम ने बीडीओ को आदेश दिए हैं कि वह दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं और गबन की गई राशि की रिकवरी नियमानुसार कराई जाए। साथ ही, मेट पर भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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