Hardoi News: हरदोई में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक फर्जी बैंक कर्मचारी को नौकरी के सत्यापन के दौरान पकड़ा गया। युवक ने 10 लाख रुपये देकर अपने स्थान पर किसी और को बैंकिंग परीक्षा दिलवाई थी।
फर्जी दस्तावेजों के जरिए इस व्यक्ति को बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी भी मिल गई। कुछ समय तक वेतन लेने के बाद उसने पिता की तबीयत का बहाना बनाकर इस्तीफा दे दिया। तब तक किसी को शक नहीं हुआ। लेकिन उसके लालच ने उसे मुसीबत में डाल दिया, जब उसने दोबारा से जॉइनिंग के लिए आवेदन किया।
बैंक ने युवक के आवेदन को स्वीकार कर लिया, लेकिन जब बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान उसके दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई, तो बैंक कर्मचारियों ने उसे कोतवाली पहुंचा दिया। वहीं, जांच में पूरा मामला सामने आ गया। यह घटना एक बार फिर से इस बात की ओर इशारा करती है कि मुन्ना भाइयों का नेटवर्क परीक्षाओं में हावी है, भले ही प्रशासन लगातार सख्ती बरत रहा हो।
बैंक ऑफ इंडिया की रेलवे गंज शाखा के प्रबंधक, सुनील कुमार पांडे, ने इस घटना की तहरीर शहर कोतवाली में दी। तहरीर के अनुसार, बिहार के पटना जिले के आदमपुर निवासी दीपक कुमार, जो महेंद्र पासवान का बेटा है, ने आईबीपीएस की परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल की थी और उसे 15 जून 2024 को हरदोई में बैंक में क्लर्क के पद पर नियुक्त किया गया था।
सभी औपचारिकताओं के बाद दीपक को फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज शाखा में क्लर्क के पद पर नियुक्ति दी गई। कुछ समय बाद, जब उसने फिर से नौकरी जॉइन करने की कोशिश की, तो बायोमेट्रिक प्रक्रिया के दौरान उसकी पुरानी फोटो से मिलान किया गया, जिसमें गड़बड़ी सामने आई।
बैंक अधिकारियों ने जांच में पाया कि अब तक दीपक के नाम पर किसी और ने काम किया था। पूछताछ के दौरान युवक ने कबूल किया कि उसने 10 लाख रुपये देकर किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बैठाया था। पुलिस ने अभियोग दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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