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New varieties of sugarcane: यूपी में गन्ने की 3 नई उन्नत किस्में जारी, किसानों को मिलेगा अधिक उत्पादन और बेहतर दाम

New varieties of sugarcane: उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। गन्ना एवं चीनी आयुक्त की ओर से हाल ही में आयोजित “बीज गन्ना एवं गन्ना किस्म स्वीकृति उप समिति” की बैठक में गन्ने की तीन नई किस्मों को स्वीकृति दी गई है। इन नई किस्मों को किसानों की आय बढ़ाने और गन्ना उत्पादन में सुधार के उद्देश्य से विकसित किया गया है।

स्वीकृत किस्मों में को.शा. 19231 (लाहिड़ी), को.से. 17451 (कृष्णा) और को.लख. 16470 शामिल हैं। ये किस्में न केवल अधिक उत्पादन देने में सक्षम हैं, बल्कि इनमें शर्करा की मात्रा भी अच्छी पाई गई है।

को.शा. 19231 (लाहिड़ी): अगेती किस्म, पूरे यूपी में उपयोगी

इस किस्म को शाहजहांपुर में को.से. 95422 के पॉलीक्रॉस से विकसित किया गया है। इसका औसत उत्पादन 92.05 टन प्रति हैक्टेयर है। जनवरी में इसके रस में शर्करा 17.85% और गन्ने में 13.20% पाई गई। इससे प्रति हैक्टेयर लगभग 12.23 टन चीनी का उत्पादन संभव है।

यह किस्म अगेती खेती के लिए उपयुक्त मानी गई है और इसे संपूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए स्वीकृत किया गया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद राजेंद्र नाथ लाहिड़ी के सम्मान में इसका नाम “लाहिड़ी” रखा गया है।

को.से. 17451 (कृष्णा): पूर्वी यूपी के लिए उपयुक्त

सेवरही संस्थान में विकसित इस किस्म की औसत उपज 87.96 टन प्रति हैक्टेयर है। जनवरी में इसके रस में शर्करा 16.63% और गन्ने में 12.82% पाई गई है, जिससे प्रति हैक्टेयर लगभग 10.81 टन चीनी मिल सकती है। नवंबर में भी इसमें अच्छी शर्करा मात्रा दर्ज की गई। इस किस्म को दिवंगत वैज्ञानिक डॉ. कृष्णानंद की स्मृति में “कृष्णा” नाम दिया गया है। यह किस्म पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगेती खेती के लिए उपयुक्त है।

को.लख. 16470: मध्य देर से पकने वाली किस्म

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा (New varieties of sugarcane) विकसित इस किस्म को भारत सरकार ने नोटिफाई किया है। इसकी औसत उपज 82.50 टन प्रति हैक्टेयर है। 12 माह की फसल में रस में शर्करा 17.37% और गन्ने में 13.20% पाई गई है। यह किस्म विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए मध्य–देर से बुवाई के लिए अनुशंसित है।

New varieties of sugarcane: को. 0238 से बेहतर प्रदर्शन

इन नई किस्मों ने वर्तमान में प्रचलित गन्ना किस्म को.0238 की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। को. 0238 की औसत उपज 82.97 टन और चीनी उत्पादन 10.89 टन प्रति हैक्टेयर दर्ज किया गया है, जबकि को.शा. 19231 और को.से. 17451 दोनों ने इससे अधिक उत्पादन और शर्करा मात्रा दी है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नई किस्में किसानों को अधिक लाभ दे सकती हैं।

पुरानी किस्में सूची से विलोपित

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि गन्ने की पुरानी और अब अलोकप्रिय हो चुकी किस्में जैसे को.12029, को.शा. 99259 और को.शा. 96268 को सूची से हटाया जाएगा, क्योंकि इनका क्षेत्रफल नगण्य रह गया है।

इन नई किस्मों के आगमन से उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को अधिक उत्पादन (New varieties of sugarcane) के साथ-साथ बेहतर शर्करा प्रतिशत वाली फसलें मिलेंगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि की संभावना है। सरकार और कृषि वैज्ञानिकों की यह पहल किसानों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

Pradeep Pal
Pradeep Palhttps://hdibharat.com
प्रदीप पाल, पिछले छह सालों से डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. इस दौरान इन्होंने अलग-अलग कई न्यूज़ पोर्टल्स पर काम किया. मूल रूप से हरदोई के रहने वाले हैं. बिजनेस के साथ ही राजनीति, शिक्षा, मनोरंजन, लाइफस्टाइल और सरकारी योजनाओं की खबरों में ख़ास रूचि है.

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