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142 ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी,सात दिन में धनराशि जमा न करने पर चुनाव नही लड़ पाएंगे प्रधान

पीलीभीत। कूड़ेदान खरीद के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग कर गबन करने वाले पंचायत सचिवों के बाद अब ग्राम प्रधानों पर प्रशासन सख्त हुआ है। जांच में दोषी पाए जाने के बाद रिकवरी की धनराशि जमा न करने वाले 142 ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी किया गया है, इसमें सात दिन में धनराशि जमा न करने पर चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने की चेतावनी दी गई है। डीएम की सख्ती देख ग्राम प्रधानों में खलबली मच गई है।

डीएम पुलकित खरे की सख्ती देख ग्राम प्रधानों में खलबली मच गई है।


ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता की दृष्टि से कूड़ेदान रखवाए गए थे। इस बेहतर मुहिम को भ्रष्टाचारियों ने अपने विकास के तौर पर इस्तेमाल कर लिया था। कबाड़ की दुकानों से लोहे की ड्रम खरीदने के बाद कटवाकर उन्हें पेंट कराया गया। फिर उन्हीं को नए कूड़ेदान दर्शाकर गांवों में रखवा दिया था।

कुछ दिन बाद तो कूड़ेदान दिखना भी बंद हो गए थे। खास बात थी कि इनकी कीमत तीन हजार से छह हजार तक प्रति कूड़ेदान के तौर पर निकाली गई थी। इसकी जांच की गई तो 164 ग्राम प्रधान और 40 पंचायत सचिव दोषी पाए गए थे।

घोटाला भी 99 लाख के आसपास का निकला था। इसके बाद रिकवरी के आदेश दिए गए, मगर मामला फिर दबा दिया गया था।

अब डीएम ने इसे लेकर सख्ती शुरू कर दी है। एक दिन पूर्व रिकवरी की धनराशि जमा न करने वाले 19 पंचायत सचिवों को सात दिन का समय दिया था। उन्हें धनराशि जमा न करने पर एफआईआर की चेतावनी दी गई थी।

डीएम ने अब इन 142 सभी को नोटिस भेजा है। सात दिन में रकम जमा नहीं कराई तो यह प्रधान आगे चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। पंचायती राज एक्ट की धारा 5 क के तहत उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

ग्राम पंचायत में हुए घोटालों की अभी भी कई पत्रावलियां कार्रवाई का इंतजार कर रही हैं। कूड़ेदान घोटाले में अब डीएम की सख्ती से कुछ हलचल जरूर हुई है, लेकिन मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, सड़क खड़ंजा निर्माण आदि को लेकर कराए गए कामों में घोटाला करने वाले सचिव, ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक अभी भी मनमानी कर रहे हैं।

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