उत्तर प्रदेश: पराली जलाने को लेकर प्रशासन अब शख्त रुख अख्तियार करने जा रहा है. पराली जलाने पर अब केवल एक बार जुर्माना तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि एक ही किसान द्वारा तीन बार इसे जलाने पर संबंधित किसान से सरकारी अनुदान छिन जाएगा। शासन ने पहले ही यह आदेश जारी कर दिया था। वहीं अब सभी जिला प्रशासन पराली जलाने को नियंत्रित करने के लिए सख्ती से काम लेगा।
सभी जानते है धान की कटाई के बाद अवशेष के रूप में बचने वाली पराली बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। इसके जलने से पूरा देश स्मॉग की समस्या को कई बार झेल चुका है। इसी समस्या के चलते अब पराली जलाना प्रतिबंधित दिया गया है। प्रतिबन्ध के बाद भी किसान इसे जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। वही सरकार पूर्ण रूप से पराली जलाने से रोकने के लिए कठोर कदम उठा रही है। इसीलिए अब केवल जुर्माना ही नहीं बल्कि किसानों को सरकारी अनुदान से भी वंचित कर दिया जाएगा।
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दअरसल कृषि विभाग द्वारा किसानों को यूरिया, डीएपी समेत सभी प्रकार के बीजों पर अनुदान दिया जाता है। इससे किसानों को बड़ी राहत मिलती है। लेकिन अब यदि कोई भी किसान तीन बार पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर जुर्माना लगाने के साथ ही मिल रहे अनुदान से भी वंचित कर दिया जाएगा।
पराली जलाने की तीनों घटनाएं एक ही वर्ष की हों यह जरुरी नही
अनुदान से वंचित होने से किसानों को भविष्य में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके लिए ये जरूरी नहीं है कि पराली जलाने की तीनों घटनाएं एक ही वर्ष की हों। अगर बीते सालों में भी कोई किसान इसे जलाते हुए पकड़ा गया है तो वह संख्या भी शामिल की जाएगी। ऐसे में किसान अगर सरकारी योजनाओं पर मिलने वाला अनुदान जारी रखना चाहते हैं तो पराली न जलाएं।
कितना लगता है जुर्माना
शासन के आदेश के अनुसार दो एकड़ तक किसान पर ढाई हजार रुपये, दो एकड़ से पांच एकड़ तक पांच हजार रुपये और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल होने पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही FIR किए जाने का भी प्रावधान है।
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