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National Broadcasting Day: राष्ट्रीय प्रसारण दिवस, जानें इसके पीछे की कहानी

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National Broadcasting Day: 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस मनाया जाता है. इसी दिन सन 1927 में इंडियन प्रसारण कंपनी ने मुंबई स्टेशन से रेडियो का प्रसारण प्रारम्भ किया था. सन 1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्‍वामित्‍व वाले 2 ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की शुरुआत हुई.

उसके बाद सन 1930 में इन ट्रांसमीटरों को सरकार ने अपने कण्ट्रोल में ले लिया. फिर इसे भारतीय प्रसारण सेवा का नाम देकर, परिचालित करना शुरू कर दिया. 1935 तक इसे भारतीय प्रसारण सेवा के नाम से ही जाना जाता था. लेकिन वर्ष 1936 में इसका नाम परिवर्तित कर ऑल इंडिया रेडियो रखा गया.

सन 1957 में ऑल इंडिया रेडियो को आकाशवाणी के नाम से पुकारा जाने लगा. आज लगभग देश के हर हिस्से तक रेडियो की पहुंच है. 1927 से रेडियो भारत में लोगों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है और लगातार सूचना, शिक्षा और मनोरंजन उपलब्ध कराता रहा है.

वर्तमान में आकाशवाणी विश्व के सबसे बड़े लोक प्रसारकों में एक है. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राष्ट्रीय प्रसारण दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि रेडियो ही एक ऐसा जरिया है जो देशभर में सभी जगहों पर आसानी से खबरों के साथ-साथ मनोरंजन का भी माध्यम बना है.

आकाशवाणी ने तय किया है एक लंबा सफर

“बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय” आदर्श वाले आकाशवाणी ने एक लंबा सफर तय किया है. सन 1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्‍वामित्‍व वाले 2 ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की शुरुआत हुई थी. उसके बाद सन 1930 में इन ट्रांसमीटरों को सरकार ने अपने कण्ट्रोल में ले लिया. फिर इसे भारतीय प्रसारण सेवा का नाम देकर परिचालित करना शुरू कर दिया गया.

1935 तक इसे भारतीय प्रसारण सेवा के नाम से ही जाना जाता था. लेकिन वर्ष 1936 में इसका नाम बदल कर ऑल इंडिया रेडियो रखा गया और 1956 में आकाशवाणी के नाम से जाना जाने लगा.

150 देशों तक है इसकी पहुंच

भारत का लोक सेवा प्रसारक, प्रसार भारती दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से एक है. देश भर में प्रसार भारती के 470 प्रसारण केंद्र हैं, जो लगभग 92% देश का क्षेत्रफल और कुल जनसंख्या का 99.19% को कवर करते हैं. आकाशवाणी मूल रूप से 23 भाषाओं और 179 बोलियों में कार्यक्रमों को प्रसारित करता है.

मीडियम तथा शार्ट वेव सेवाओं के माध्यम से इसकी पहुंच 150 देशों तक है. प्रसार भारती के NewsonAIR मोबाइल ऐप के 10 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. इस ऐप पर आप ऑल इंडिया रेडियो के सभी रेडियो चैनल को डिजिटल रूप में सुन सकते हैं. अब तो इंटरनेट से सीधे कनेक्ट करके भी रेडियो का आनंद उठाया जा सकता है. आज के समय में हमारे पास कई साधन हैं, लेकिन रेडियो के प्रति आज भी लोगों के दिलों में दीवानगी बरकरार है.

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस National Broadcasting Day का इतिहास

भारत में ब्रॉडकास्टिंग का इतिहास लगभग ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के शुरू होने से करीब 13 साल पुराना है. जून 1923 में ब्रिटिश राज में बॉम्बे के रेडियो क्लब ने देश में पहली बार प्रसारण किया. इसके बाद पांच महीने बाद कलकत्ता रेडियो क्लब की स्थापना हुई लेकिन इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) 23 जुलाई, 1927 को अस्तित्व में आई. यही कारण है कि 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में मनाया जाता है.

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