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हरदोई में एक घोड़े में ग्लैंडर्स रोग की पुष्टि, मरवाने का आदेश, क्या है ग्लैंडर्स बीमारी

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हरदोई/HDI Bharat: जिले के हरपालपुर क्षेत्र के एक घोड़े में ग्लैंडर्स रोग की पुष्टि हुई है। दो घोड़ों के सैंपल में से एक घोड़े का जांच के बाद इसका सैंपल निगेटिव पाया गया है जबकि एक घोड़ा पॉजिटिव पाया गया है । हरियाणा के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार ने सैंपल की जांच के बाद रिपोर्ट जारी कर दी है।

इसके बाद घोड़े को मरवाने के आदेश दिए गए हैं। पॉजिटिव पाए गए घोड़े को क्वारंटीन करा दिया गया है और घोड़ा मालिक को भी सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।

आपको बता दें ग्लैंडर्स रोग को लेकर पशुपालन विभाग की ओर से बुग्गी, ईंट-भट्ठा और मंडियों आदि में काम करने वाले घोड़ों के सैंपल लेकर नियमित जांच कराई जा रही है। विभाग की ओर से घोड़ों से ब्लड सैंपल लेकर राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार हरियाणा भेजे जाते हैं, जहाँ इनकी जाँच की जाती है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाई की जाती है।

जनवरी महीने में हरपालपुर क्षेत्र के दो घोड़ों में ग्लैंडर्स रोग की पुष्टि हुई थी। विभाग की ओर से दी गई व्यवस्था के क्रम में इन घोड़ों के दोबारा से ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए हिसार भेजे गए थे। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र की ओर से दोनों घोड़ों के सैंपल की भेजी गई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि दो में से एक घोड़ा में ही ग्लैंडर्स रोग की पुष्टि हुई है, जबकि एक में सैंपल निगेटिव पाया गया है।

पॉजिटिव पाया गया घोड़ा हरपालपुर क्षेत्र के खसौरा का है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सीवी सिंह ने बताया कि रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। हरपालपुर के पशु चिकित्साधिकारी के माध्यम से पॉजिटिव मिले घोड़े को क्वारंटीन करा दिया गया है। जल्द इसे विभाग की ओर से दी गई व्यवस्था के अनुसार मरवा दिया जाएगा। इसके साथ ही अश्व पालक को आर्थिक मदद दी जाएगी।

अब तक पांच घोड़ों में ग्लैंडर्स रोग की पुष्टि

सीवीओ डॉ. सीवी सिंह ने बताया कि हरपालपुर क्षेत्र में मिले एक घोड़े के साथ ही इस साल पांच घोड़ों में ग्लैंडर की पुष्टि हो चुकी है। इसमें चार को मरवाया जा चुका है। आपको बता दें जिस घोड़े को मारा जाता है उसके मालिक को एक घोड़ा के लिए 25 हजार रुपये दिए जाते हैं।

क्या है ग्लैंडर्स रोग

ग्लैंडर रोग घोड़ों की प्रजातियों में एक जानलेवा संक्रमक रोग है। इसमें घोड़े की नाक से खून बहना, सांस लेने में तकलीफ, शरीर का सूख जाना, पूरे शरीर पर फोड़े या गांठें आदि लक्षण हैं। यह बीमारी बरखोड़रिया मैलियाई नामक जीवाणु से फैलती है। यह ग्लैंडर्स रोग दूसरे पालतू पशु में भी पहुंच सकती है।

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