हरदोई: 2016 में एक जिन्दा किसान को मृत मानकर दूसरे के नाम वरासत करने का आदेश देने वाले तत्कालीन संडीला एसडीएम को दोषी पाया गया हैं। जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच में तत्कालीन तहसीलदार को दोषी मानते हुए शासन से विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है।
संडीला क्षेत्र के लोन्हारा के मजरा सुजानपुर के रहने वाले सरदार के खेत की फर्जी वरासत गांव के ही रहने वाले रहीश ने करा ली थी। इस फर्जीवाड़े में सरदार के पिता मिठ्ठन के नाम का सहारा लिया गया था। रहीश ने खेत को पहले अपनी चाची मजीदा और फिर उनकी मौत के बाद अपने नाम से वरासत के आधार पर दर्ज करा लिया था।
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आपको बता दें खेत के असली मालिक सरदार अभी भी जीवित हैं। सरदार ने जनवरी में शिकायत दर्ज कराते हुए जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई थी।
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि संडीला एसडीएम से पूरे प्रकरण की जांच कराई। जिसमे तत्कालीन एसडीएम सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी पर आरोपों की पुष्टि हुई। इस पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति शासन से जिलाधिकारी ने की है। बताया कि गया कि सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी वर्तमान में आजमगढ़ में एसडीएम के पद पर तैनात हैं।
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