Hardoi News: अपराध पर नकेल कसने के साथ-साथ न्याय की राह में भी हरदोई पुलिस लगातार अहम भूमिका निभा रही है। इसी क्रम में पुलिस की प्रभावी पैरवी से नाइजीरियन ठग गिरोह के तीन सदस्यों को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक दोषी पर 75-75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
यह सजा जिला न्यायालय की न्यायाधीश ऋचा वर्मा ने अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार की सशक्त पैरवी के आधार पर सुनाई। मामला वर्ष 2020 का है, जब शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला आशा नगर निवासी सहायक अध्यापिका रुचि सिंह से ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई थी।
ऐसे दिया गया वारदात को अंजाम
12 मई 2020 को रुचि सिंह के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से मैसेज आया, जिसमें भेजने वाले ने अपना नाम ‘दीपक ली’ बताया और एक ईमेल आईडी भी साझा की। इसके तुरंत बाद उनके पास एक कॉल आई जिसमें दावा किया गया कि कॉल करने वाले को उनका नंबर विवाह संबंधी वेबसाइट से मिला है।
बातचीत आगे बढ़ी और व्हाट्सएप कॉल पर संपर्क कायम हो गया। ठग ने पार्सल भेजने की बात कही और एक लिंक व ट्रैकिंग नंबर भी भेजा गया।
कुछ समय बाद ट्रैकिंग रिपोर्ट में पार्सल की स्थिति पहले यूके एयरपोर्ट और फिर दिल्ली एयरपोर्ट पर दिखाई दी। वहीं से एक महिला का कॉल आया और कस्टम फीस न जमा होने की बात कहकर रुचि सिंह से 6,31,584 रुपये अलग-अलग किश्तों में ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए गए। जब काफी समय बीतने के बाद भी पार्सल नहीं मिला, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
पीड़िता की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि यह एक संगठित नाइजीरियन ठग गिरोह की करतूत थी। जांच में नेल्सन चिगाओजीमु, फ्रांसिस इमेका और उदाला चक उड़ी पैट्रिक जूनियर नाम के तीन विदेशी नागरिकों की संलिप्तता सामने आई।
हरदोई पुलिस ने आईटी एक्ट, विदेशी अधिनियम और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
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