Hardoi News: पंचायती राज विभाग के शासनादेश ने प्रधानों की मुश्किल बढ़ा दी है। शासनादेश में पंचायत सहायक को भुगतान की जिम्मेदारी सौंप दी गई हैं जिसके कारण ग्राम प्रधानों में आक्रोश है। सोमवार को दर्जनों की संख्या में प्रधान हांथ में काली पट्टी बांधकर ब्लॉक पहुंच गए और मुख्यमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन बीडीओ को सौंपा।
ग्राम प्रधान व प्रधान प्रतिनिधि अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर पांच सूत्रीय ज्ञापन प्रधान संघ अध्यक्ष की मौजूदगी में बीडीओ शीतला प्रसाद को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि जिन पंचायत सहायकों को भुगतान के लिए अधिकृत किया गया है वह संविदा पर नियुक्त है। जिनका कार्यकाल एक साल से तीन साल तक का ही है। ऐसे में भुगतान के लिए उन्हें अधिकृत किया जाना न्याय संगत नहीं है।
ज्ञापन में कहा गया है कि इससे पूर्व प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव द्वारा किया जाता था। प्रधान ग्राम पंचायत से निर्वाचित है तो सचिव सरकारी कर्मचारी होता है। महत्वपूर्ण व्यक्तियों के होते हुए भुगतान में पंचायत सहायक को शामिल करना प्रधानों के सम्मान को ठेस पहुंचाना है। इससे प्रधानों का हनन करना है।
ज्ञापन में कहा कि गेट-वे पोर्टल बंदकर प्रधान व सचिव के संयुक्त फेस से खोलकर भुगतान किया जाए या फिर पहले वाली प्रक्रिया लागू हो। प्रधानों का मानदेय 5 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रूपये किया जाए। मनरेगा की दैनिक आय 237 से बढ़ाकर 4 सौ रूपये तथा मनरेगा योजना में कच्चे व पक्के सभी कार्यों का भुगतान 7 दिन के अंदर होना चाहिए।
किसानों को गौ आश्रय स्थलों के लिए भूसा खरीदने की अनुमति प्रदान की जाए। इस दौरान प्रमोद कुमार गुप्ता अध्यक्ष प्रधान संघ, रामकली,शालिनी, गुप्ता,जसोदा,रामदीन,दिनेश कुमार प्रधान चंद्रपकाश सहित दर्जनों प्रधान उपस्थित रहे.
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