औरैया: जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने तीन साल पहले हुई महिला की हत्या में पति को दोषी पाया। इस पर न्यायाधीश ने पति को आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया। पिता को सजा दिलाने में उसके दो बेटों की गवाही अहम रही।
अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने बताया कि 11 अप्रैल 2019 को ऐंमा सेंगनपुर के मोहम्मद उमर ने अयाना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि पिता शमशेर खां उसकी मां मुन्नी बेगम (40) के चरित्र पर शक करता था। इसी बात को लेकर लड़ाई झगड़ा और मारपीट करता था। कई बार उसने मां को पिटने से बचाया।
आरोप लगाया कि 10 अप्रैल 2019 को वह और छोटा भाई मोहम्मद ताविज खाना खाकर पड़ोस के मकान में टीवी पर क्रिकेट मैच देखने चले गए। मां भी खाना खाकर घर के बाहर चारपाई पर सो रही थी। पिता ने रात लगभग नौ बजे चाकू से मां मुन्नी बेगम को गोद डाला। शोर सुनकर जब दोनों मौके पर पहुंचे तो पिता खेतों की तरफ भाग गया।
पुलिस ने शमशेर के खिलाफ हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी। आरोप पत्र के बाद मामला जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा की कोर्ट में चला। कोर्ट में दोनों बेटों ने पिता के खिलाफ गवाही देते हुए उसे मां का हत्यारा बताया।
बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष को सुनने के बाद जिला जज अनिल कुमार वर्मा ने अभियुक्त शमशेर खां पुत्र चुन्ने खां निवासी ऐंमा सेंगनपुर को पत्नी की हत्या का दोषी माना और उसे आजीवन कारावास तथा 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया।
जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। जुर्माने की धनराशि जमा होने पर पुत्रों को अदा करने का आदेश भी कोर्ट ने दिया। अभियुक्त को जिला जेल इटावा भेज दिया गया है।
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