होमउत्तर प्रदेशHardoi: सीएमओ ने किया सघन दस्त नियन्त्रण पखवारा का शुभारम्भ

Hardoi: सीएमओ ने किया सघन दस्त नियन्त्रण पखवारा का शुभारम्भ

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हरदोई : जिला महिला चिकित्सालय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 ओम प्रकाश तिवारी ने बुधवार को सघन दस्त नियंत्रण पखवारा का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि हरदोई सहित पूरे प्रदेश में एक से 15 जून तक सघन दस्त नियंत्रण पखवारा (आईडीसीएफ) मनाया जाएगा।

दस्त रोग बच्चों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में दूसरे स्थान पर है, जिसका उपचार मौखिक पुनर्जलीकरण घोल (ओआरएस) एवं जिंक की गोली मात्र से किया जा सकता है इससे बाल मृत्यु दर में कमी भी लाई जा सकती है। दस्त रोग का प्रमुख कारण दूषित पेयजल, गंदगी और शौचालय का अभाव तथा पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों का कुपोषित होना है।

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सीएमओ ने किया सघन दस्त नियन्त्रण पखवारा का शुभारम्भ

ओआरएस का घोल बनाने और हाथ धुलने की सही विधि भी बताई जाएगी

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 प्रशांत रंजन ने बताया कि इस पखवारे के दौरान आशा कार्यकर्ता द्वारा उन घरों का भ्रमण किया जाएगा, जहां पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं उन घरों में ओआरएस घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन किया जाएगा ताकि देखभालकर्ता को ओआरएस घोल बनाने के सही तरीके की जानकारी दी जा सके।

इसके साथ ही लोगों को स्वच्छता विशेषकर हाथों को सही तरीके से धुलने संबंधी जानकारी भी दी जाएगी इसके अलावा आशा कार्यकर्ता द्वारा दस्त के दौरान बच्चों की देखभाल कैसे की जाए, इसके बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही उन सभी घरों में ओआरएस पैकेट का वितरण करेंगी, जहां पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चे हैं।


आशा कार्यकर्ता लोगों को इस बारे में भी जागरूक करेंगी कि दस्त के दौरान ओआरएस एवं जिंक की गोली बच्चों को अवश्य दें। दो माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार दस्त बंद हो जाने के बाद जिंक की दवा 14 दिन तक जारी रखें दस्त के दौरान ओआरएस और जिंक की दवा के सेवन से बच्चों में तीव्र सुधार होता है बीमारी के दौरान और बीमारी के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार और भोजन दें। डा0 रंजन ने कहा यदि ओआरएस और जिंक की दवा देने के बाद भी बच्चे की दस्त न बंद हों तो पास के स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चे को लेकर जाएं।

इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सुशील कुमार, डा0 दिलीप जयसवाल, जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 विनीता चतुर्वेदी और यूनिसेफ़ की डीएमसी संजु कश्यप उपस्थित रहीं।

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